Uttar Pradesh Politics: क्या लोकसभा चुनाव साधने के लिए बनाए गए मंत्री? पढ़ें स्पेशल स्टोरी

Edited By Ramkesh,Updated: 06 Mar, 2024 06:41 PM

are ministers made to facilitate lok sabha elections read special story

अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले सुहेलदेव समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मंत्रिमंडल में शामिल करने को लेकर अब सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, 2022 विधानसभा चुनाव चुनाव में राजभर ने सीएम योगी, पीएम...

लखनऊ: अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले सुहेलदेव समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मंत्रिमंडल में शामिल करने को लेकर अब सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, 2022 विधानसभा चुनाव चुनाव में राजभर ने सीएम योगी, पीएम मोदी को को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। तब राजभर समाजवादी पार्टी गठबंधन में शामिल थे। लेकिन कुछ महीने पहले ही राजभर एनडीए गठबंधन में शामिल हो गए।

विपक्ष का आरोप है कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की घबराहट की निशानी करार दिया। कांग्रेस ने कहा कि बेचैनी का आलम यह है कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को अपशब्द कहने वाले और हाल ही में चुनाव हार चुके नेताओं को सिर्फ जातीय संतुलन साधने के लिए मंत्रिमंडल में जगह दी गयी है।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने यहां संवाददाता सम्मेलन में राज्य के मंत्रिमंडल विस्तार का जिक्र किये जाने पर कहा, ''जब चुनाव सिर पर हैं, उसी वक्त मंत्रिमंडल का विस्तार भाजपा की घबराहट को प्रदर्शित कर रहा है।'' उन्होंने राजभर और चौहान की तरफ इशारा करते हुए किसी का नाम लिये बगैर कहा, ''एक नेता जो प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जी को अपशब्द कह रहे थे और एक नेता जो अभी चुनाव हारे हैं, इन सब लोगों को सिर्फ जातीय संतुलन साधने के लिए मंत्रिमंडल में जगह देना यह बताता है कि भाजपा किस कदर घबराई हुई है।

योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले मंत्रिमंडल विस्तार के तहत आज सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर, पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान, राष्ट्रीय लोकदल के विधायक अनिल कुमार और साहिबाबाद सीट से भाजपा विधायक सुनील शर्मा को मंत्री बनाया गया है। राजभर ने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर काफी तल्ख बयान दिये थे। वहीं, दारा सिंह चौहान वर्ष 2022 में सपा विधायक के तौर पर जीती गयी घोसी सीट से इस्तीफा देने के बाद भाजपा में शामिल होकर इसी सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी बनकर उतरे थे, लेकिन उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था।

 

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