Edited By Pooja Gill,Updated: 22 Oct, 2023 01:11 PM
Air Pollution: उत्तर प्रदेश में अब मौसम में बदलाव आ गया है। जहां पर अब हल्की ठंड से लोगों को सर्दी का एहसास होने लगा है। वहीं, जहां प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने लगा है और वायु की गुणवत्ता खराब दर्ज की गई है। जिस वजह से आबोहवा...
Air Pollution: उत्तर प्रदेश में अब मौसम में बदलाव आ गया है। जहां पर अब हल्की ठंड से लोगों को सर्दी का एहसास होने लगा है। वहीं, जहां प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने लगा है और वायु की गुणवत्ता खराब दर्ज की गई है। जिस वजह से आबोहवा खराब हो गई है, लोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है। प्रदूषण बढ़ने से जहां बीमारियां भी बढ़ रही है, लोग डेंगू, वायरल फीवर और मलेरिया जैसी बीमारियों से पीड़ित है। सबसे ज्यादा प्रदूषण गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में दर्ज किया गया है।
बता दें कि गाजियाबाद में वायु की गुणवत्ता 'खराब' दर्ज की गई है। मेरठ में भी लोगों सांस लेने में दिक्कत हो रही है। जय भीम नगर की वायु गुणवत्ता सूचकांक 244 दर्ज की गई है। गंगानगर की भी आबोहवा खराब श्रेणी में पहुंच गई है। ग्रेटर नोएडा की हवा में भी जहर घुल गया है। लोनी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 346 अंकों के साथ बहुत खराब हो गई। वहीं, आज नॉलेज पार्क का वायु गुणवत्ता सूचकांक 344 दर्ज किया गया। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर में अगले दो दिनों लोगों को प्रदूषण की मार से निजात नहीं मिलने वाली। प्रतिकूल मौसम और जलवायु परिस्थितियों के कारण 23 और 24 अक्टूबर को हवा की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में जाने की आशंका है। प्रदूषण फैलाने का जिम्मेदार प्रमुख रूप से वाहन, औद्योगिक इकाइयां और ताप ऊर्जा संयंत्रों, निर्माण कार्य को माना जाता है।
प्रदेश के कई इलाकों में प्रदूषण के कारण सुबह के समय समोग पड़ रही है। दिल्ली-एनसीआर, ग्रेटर नोएडा में सबसे ज्यादा समोग पड़ रही है। क्योंकि हरियाणा और पंजाब में किसानों के पराली जलाने से निकलने वाला धुआं जहां पर पहुंचता है। जिससे जहां की आबोहवा खराब हो गई है और लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। जहां लोगों को सांस की प्रॉब्लम हो रही है। साफ हवा में जहरीली गैस, धूल या धुआं इंसानों से लेकर जानवरों और पौधों के लिए खतरनाक है।