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Prayagraj News: महाकुंभ में नागा साधुओं की पीठ पर आई टेस्ट की अनोखी पहल, बांटे गए 50 हजार मुफ्त चश्मे

Edited By Anil Kapoor,Updated: 22 Feb, 2025 03:41 PM

a unique initiative of testing the backs of naga sadhus in maha kumbh

Mahakumbh 2025: प्रयागराज संगम में कुंभ मेला इस बार एक और अनोखी पहल का गवाह बना, जहां नागा साधुओं के पीठ पर आंखों की जांच (आई टेस्ट) की गई। भस्म मले नागा साधुओं के पीठ पर वे अक्षर लिखे गए थे, जिन्हें दिखाकर आंखों के डॉक्टर उनका नजर चेक कर रहे थे। इस...

Mahakumbh 2025: प्रयागराज संगम में कुंभ मेला इस बार एक और अनोखी पहल का गवाह बना, जहां नागा साधुओं के पीठ पर आंखों की जांच (आई टेस्ट) की गई। भस्म मले नागा साधुओं के पीठ पर वे अक्षर लिखे गए थे, जिन्हें दिखाकर आंखों के डॉक्टर उनका नजर चेक कर रहे थे। इस विशेष पहल को लेकर लोगों में काफी कौतूहल देखा गया।

यह कैंप 10 फरवरी से शुरू हुआ था और मेले के अंत तक जारी रहेगा
मिली जानकारी के मुताबिक, संगम के तट पर जरूरतमंदों के लिए Eyebetes कैंप भी लगाया गया था, जहां मधुमेह से जुड़ी आंखों की समस्याओं की मुफ्त जांच की जा रही थी। इस कैंप में खासतौर पर मधुमेह (डायबिटीज़) से होने वाली आंखों की समस्याओं और रोशनी की कमी से जुड़ी दूसरी बीमारियों का इलाज किया जा रहा था। यह कैंप 10 फरवरी से शुरू हुआ था और मेले के अंत तक जारी रहेगा।

जानिए, क्या कहना है Eyebetes फाउंडेशन के डॉ. निशांत कुमार?
Eyebetes फाउंडेशन के डॉ. निशांत कुमार ने बताया कि हमारे अध्ययन से पता चला है कि 60% से अधिक भारतीय जिन्हें चश्मे की जरूरत है, वे बिना चश्मे के रहते हैं। वहीं, 60% प्री-डायबिटीज़ या शुरुआती मधुमेह रोगियों का सही समय पर निदान नहीं हो पाता। ये दोनों समस्याएं आपस में जुड़ी हुई हैं और इनसे उत्पन्न होने वाली जटिलताओं को रोकने के लिए बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। हम महाकुंभ मेले के दौरान शिविर में आने वाले सभी लोगों के लिए मुफ्त जांच की सेवा दे रहे हैं।

बांटे गए 50 हजार मुफ्त चश्मे
फाउंडेशन के अनुसार, लगभग 100 मिलियन यानी 10 करोड़ भारतीयों को मधुमेह से संबंधित समस्याओं का खतरा हो सकता है, जिसमें दृष्टिहीनता भी शामिल है, और आने वाले वर्षों में यह संख्या दोगुनी होने की संभावना है। इस अभियान को लेकर Eyebetes ने बताया कि महाकुंभ मेला एक बड़ा अवसर था, जिससे वे 400 मिलियन से अधिक लोगों तक पहुंच सकते थे। इस कैंप में करीब 100 प्रशिक्षित स्टाफ ने मुफ्त आंखों की जांच की और 50,000 से अधिक चश्मे बांटे। भस्म मले शरीर वाले नागा साधु, जो 12 वर्षों में एक बार दिखते हैं, ने इस पहल के जरिए लाखों लोगों के बीच संदेश पहुंचाया। लोग इन्हें श्रद्धा, प्रशंसा और जिज्ञासा के साथ देख रहे थे।

Eyebetes फाउंडेशन एक धर्मार्थ संगठन
बताया जा रहा है कि Eyebetes फाउंडेशन एक धर्मार्थ संगठन है, जो मधुमेह और अंधेपन से बचाव के लिए जागरूकता फैलाने का काम करता है। यह संस्था 2016 में डॉ. निशांत कुमार, डॉ. शिशिर कुमार और प्रोफेसर मीनाक्षी कुमार द्वारा स्थापित की गई थी और अब यह भारत के सबसे बड़े अंधेपन से बचाव वाले संगठनों में से एक बन चुकी है।

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