Edited By ,Updated: 25 Nov, 2016 03:09 PM
कश्मीर के माछिल सेक्टर में गत मंगलवार नियंत्रण रेखा पर गश्त करते समय पाकिस्तानी फौज के कायराना हमले में शहीद हुए शशांक सिंह का आज गाजीपुर में अंतिम संस्कार किया गया।
गाजीपुर: कश्मीर के माछिल सेक्टर में गत मंगलवार नियंत्रण रेखा पर गश्त करते समय पाकिस्तानी फौज के कायराना हमले में शहीद हुए शशांक सिंह का आज गाजीपुर में अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले जैसे ही शहीद शशांक का पार्थिव शरीर गाजीपुर पहुंचा तो परिवार सहित ग्रामीणाें की आंखें छलक पड़ीं। गांव के आसपास के लाेग भी शहीद के अंतिम दर्शनों के लिए उमड़ पड़े। दोपहर को शशांक सिंह का पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
शशांक सिंह और मनोज कुशवाहा में थी अभिन्न मित्रता
कासिमाबाद क्षेत्र के नसीरूद्दीनपुर गांव निवासी 25 वर्षीय शशांक कुमार सिंह, बधोपुर निवासी 31 वर्षीय मनोज कुशवाहा जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में 57 राष्ट्रीय राईफल में तैनात थे। दोनों में अभिन्न मित्रता थी। दोनों का बाजार जाने से लेकर खाना खाने तक का साथ था। मनोज वर्ष 2002 में सेना में भर्ती हुए थे। पिछले 20 अगस्त को छुट्टी लेकर एक माह के लिए अपने घर आए थे लेकिन 28 अगस्त को सर्जिकल स्ट्राइक के बाद छुट्टी रद्द करके मनोज को सीमा सुरक्षा के लिए बुला लिया गया।
शहीद शशांक सिंह 2010 में राजपूताना राइफल में हुए थे भर्ती
बीते मंगलवार को शहीद मनोज ने घर फोन करके अपने छोटे भाइ्र बृजमोहन से हाल-चाल लिया था। अपने भाई से यह भी कहा था कि मैं जल्द ही दो चार दिन में छुट्टी लेकर घर आ रहा हूं। घर लौटने पर पिछले वर्ष बहन प्रिया की शादी का शेष कर्ज लोगो को चुकता कर दूंगा। मां से बात करके फिर शाम को फोन करने की बात कहकर फोन काट दिया था। शशांक सिंह सेना में वर्ष 2010 में राजपूताना राइफल में भर्ती हुए थे। उनकी तैनाती 57 राष्ट्रीय राइफल में कश्मीर में तैनात थे। आखिरी बार वह जुलाई में छुट्टी आए थे। उसकी शादी नहीं हुई थी। पाकिस्तानी फौजियों ने उनका शरीर छलनी कर दिया था। उनके बड़े भाई हिमांशु सिंह भी फौजी हैं और उनकी तैनाती भी कश्मीर में ही है।
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