Edited By Ramkesh,Updated: 20 Dec, 2023 12:58 PM
हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद इंडिया गठबंधन नए सिरे से 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी है। बात करें बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) अध्यक्ष की तो मायावती ( Mayawati ) उन्होंने ने पहले ही अकेले चुनाव...
लखनऊ: हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद इंडिया गठबंधन नए सिरे से 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी है। बात करें बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती की तो ( Mayawati ) उन्होंने ने पहले ही अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। ऐसे में उत्तर प्रदेश प्रदेश में 80 सीटों पर इंडिया गठबंधन की राह आसान नहीं होगा।
अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी हैं मायावती
वहीं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती यूपी में अपनी पार्टी के आधार को मजबूत करने के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रही हैं। 2024 के चुनावों से पहले मायावती अपने खोए हुए वोटरों को लाने की पूरी कोशिश कर रही हैं। सोमवार को विपक्षी दलों की इंडिया गठबंधन की अशोका होटल में हुई बैठक में एक बार मायावती को इंडिया गठबंधन में शामिल होने की बात की गई। वहीं कुछ संगठन के नेता मायावती को न शामिल करने की बात की। लेकिन बात अगर उत्तर प्रदेश की जाए तो प्रदेश में मायावती का एक वोट बैंक है ऐसे में INDIA गठबंधन में मायावती के शामिल होने पर भाजपा को हराना आसान हो जाएगा। फिलहाल मायावती की तरफ से इसे लेकर अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है।
इंडिया गठबंधन की हो चुकी हैं चार बैठके
आप को बता दें कि नए दिल्ली में विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन की आज यहां हुई चौथी बैठक में इन पाटिर्यों ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन-ईवीएम मतदान प्रणाली पर फिर सवाल उठाए और चुनाव आयोग से इसमे सुधार का सुझाव देने को लेकर आयोग से मिलने का समय भी मांगा। गठबंधन ने कहा कि ईवीएम की कार्य प्रणाली की पवित्रता पर कई तरह के संदेह है और कई विशेषज्ञ और प्रोफेशनल ने भी इसको लेकर सवाल किए हैं। गठबंधन के नेताओं ने कहा कि ईवीएम के डिजाइन और संचालन से जुड़े कई महत्वपूर्ण सवालों को लेकर चुनाव आयोग को भी एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा गया लेकिन आयोग ने इस ज्ञापन पर गठबंधन के प्रतिनिधिमंडल से मिलने में रुचि नहीं दिखाई।
विपक्षी दलों ने कहा ‘‘हमारा सुझाव बेहद सरल और स्पष्ट है। वीवीपैट पर्ची को बॉक्स में गिराने की बजाय इसे मतदाताओं को सौंप दिया जाना चाहिए। मतदाता अपने द्वारा चुने हुए विकल्प को सत्यापित करने के बाद उसे एक अलग मत पेटी में रख देगा। इसके बाद वीवीपैट की 100 प्रतिशत गणना की जानी चाहिए। ऐसा करने से निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव पर लोगों का पूर्ण विश्वास बहाल होगा।'' गौरतलब है कि विपक्षी दलों की इंडिया गठबंधन की आज यहां अशोका होटल में बैठक हुई जिसमें विपक्षी सांसदों के निलंबन के खिलाफ 22 दिसंबर को पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करने और उसके बाद गठबंधन की 8 से 10 जनसभाएं करने का फैसला लिया गया।