Edited By Mamta Yadav,Updated: 09 Aug, 2022 09:34 AM
उत्तर प्रदेश में किन्नरों को मुख्यधारा में लाने की कवायद शुरू की गई है जिसके तहत अब उनके पहचान पत्र बनाए जाएंगे ताकि उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। ‘किन्नर कल्याण बोर्ड' की सदस्य ने यह जानकारी दी।
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में किन्नरों को मुख्यधारा में लाने की कवायद शुरू की गई है जिसके तहत अब उनके पहचान पत्र बनाए जाएंगे ताकि उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। ‘किन्नर कल्याण बोर्ड' की सदस्य ने यह जानकारी दी।
बता दें कि प्रयागराज के सर्किट हाउस में ‘किन्नर कल्याण बोर्ड' की बैठक के बाद बोर्ड की सदस्य कौशल्या नंदगिरी उर्फ टीना मां ने कहा कि किन्नरों के पहचान पत्र बनाने का कार्य प्रयागराज में शुरू कर दिया गया है और अब तक जिले में तीन किन्नरों को पहचान पत्र जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि किन्नर समाज में जागरूकता लाने के लिए उनके बीच शिक्षा को बढ़ावा देना जरूरी है। कौशल्या नंदगिरी ने कहा, ‘‘किन्नर बच्चों को निःशुल्क शिक्षा मुहैया करायी जाएगी। इसके साथ ही हर अस्पताल में किन्नरों के लिए पांच बेड का अलग वार्ड भी बनाया जाएगा। इसकी शुरुआत प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल से हो चुकी है।''
उन्होंने कहा, ‘‘थानों में भी किन्नरों की समस्याओं को सुनने के लिए एक अलग प्रकोष्ठ बनाया जाएगा। इसके साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर बनने वाले सार्वजनिक शौचालय में पुरुष और महिला के साथ किन्नर के लिए भी अलग शौचालय की व्यवस्था की जाएगी।'' कौशल्या नंदगिरी ने कहा है कि पूरे राज्य में किन्नरों की गणना होगी और इसका पूरा विवरण तैयार करके राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा ताकि किन्नरों के कल्याण की योजनाएं लाई जा सकें और उनका सही ढंग से क्रियान्वयन भी कराया जा सके। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने किन्नर समाज की समस्याओं को देखते हुए राज्य में किन्नर कल्याण बोर्ड का गठन किया है। जिसके तहत हर जिले में किन्नर कल्याण बोर्ड के सदस्य जाकर बैठकें कर रहे हैं। कौशल्या नंदगिरी अब तक राज्य के दो दर्जन से अधिक जिलों में बैठकें कर चुकी हैं।