24 का चक्रव्यूजः कौशांबी में त्रिकोणीय लड़ाई में फंसी भाजपा, राजा भइया पर टिकी हर किसी की निगाहें

Edited By Ajay kumar,Updated: 26 Apr, 2024 07:49 PM

chakravyuj of 24 bjp trapped in triangular fight in kaushambi

कौशांबी लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला रोचक होने की उम्मीद है। फिलहाल यहां लड़ाई त्रिकोणीय दिख रही है। भाजपा ने जहां दो बार से जीत रहे विनोद कुमार सरोज को पुनः मैदान में उतारा है तो सपा ने पूर्व कैबिनेट मंत्री इंद्रजीत सरोज के बेटे पुष्पेंद्र ससेज पर...

लखनऊः कौशांबी लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला रोचक होने की उम्मीद है। फिलहाल यहां लड़ाई त्रिकोणीय दिख रही है। भाजपा ने जहां दो बार से जीत रहे विनोद कुमार सरोज को पुनः मैदान में उतारा है तो सपा ने पूर्व कैबिनेट मंत्री इंद्रजीत सरोज के बेटे पुष्पेंद्र ससेज पर दांव लगाया है। मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के लिए बसपा प्रमुख मायावती ने सेवानिवृत्त डीएसपी शुभ नारायण को मौका दिया है। भाजपा को जहां इस सीट पर हैट्रिक की उम्मीद है तो सपा को लगता है कि वह कांग्रेस के साथ मजबूत गठजोड़ के सहारे मैदान मार लेगी।

राजा भइया पर हर किसी की निगाह
अनुसुचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर जन सत्ता दल के मुखिया राजा भइया का अच्छा खासा प्रभाव है। राजा भझ्या को उम्मीद थी कि उनका भाजपा से गठजोड़ हो जाएगा और यह सीट उनकी पार्टी को समझौते के तहत मिलेंगी। इसी उम्मीद से उन्होंने राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को वोट भी दिया था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भाजपा ने यहां से अपना उम्मीदवार उतार दिया। बाद में समाजवादी पार्टी ने भी राजा भइया से गठजोड़ की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। अब राजा भइया की चुप्पी हर किसी को खल रही है। सपा और भाजपा उनके कदम पर निगाह रखे हुए हैं तो उनके समर्थक भी चाहते हैं कि राजा भइया जल्द यह तय करें कि वे किस दल के साथ रहेंगे।

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विधानसभा की एक भी सीट भाजपा के पास नहीं
लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें से कुंडा समेत दो विधानसभा सीटों पर जन सत्ता दल का कब्जा है। कुंडा से राजा भइया खुद विधायक हैं जबकि सिराथू,मंझनपुर और चैल सीट पर सपा काबिज है। सिराथू की विधायक पल्लवी पटेल ने अखिलेश का साथ छोड़ दिया है। विधानसभा चुनाव में मिली हार भाजपा को आज भी अखरती है। राजनीति के जानकार इसीलिए इस बार मान रहे है कि भाजपा यहां कड़े मुकाबले में फंस गई है।

जनसत्ता दल ने बिगाड़ा था सपा का खेल
2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा का गठबंधन था। तब सपा के इंद्रजीत सरोज यहां से मैदान में उतरे थे लेकिन उनकी जीत की राह में सबसे बड़ा रोड़ा बन गई थी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी। इस पार्टी के उम्मीदवार शैलेंद्र कुमार पासी ने डेढ़ लाख से अधिक वोट प्राप्त किया था। इंद्रजीत तब दूसरे स्थान पर रहे थे। भाजपा ने यह सीट 38, 722 वोट से जीत ली थी।

2022 में हारे गए थे केशव प्रसाद मौर्य
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य इस संसदीय क्षेत्र की सिराथू विधानसभा सीट से 2022 में विधानसभा चुनाव लड़े थे। उनके सामने अपना दल कमेरादादी पार्टी की पल्लवी पटेल सपा के टिकट पर मैदान में थीं। पल्लवी ने उन्हें हरा दिया था। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की हार चौंकाने वाली थी। इसे भाजपा के लिए बड़ा झटका माना गया था।

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