मंदिर आंदोलन में आहुति देने वालों से कराना चाहिये भूमि पूजन: तोगड़िया

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 02 Aug, 2020 04:00 PM

togadia says those who have been sacrificed in the temple

अंतररष्ट्रीय हिंदू परिषद (अहिप) के अध्यक्ष एवं श्रीरामजन्मभूमि मंदिर निर्माण के आंदोलन से जुड़े प्रवीण भाई तोगड़िया ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के आंदोलन में जिन लोगों ने बलिदान दिया है उन्हीं के परिवार के लोगों से मंदिर निर्माण के लिये...

अयोध्याः अंतररष्ट्रीय हिंदू परिषद (अहिप) के अध्यक्ष एवं श्रीरामजन्मभूमि मंदिर निर्माण के आंदोलन से जुड़े प्रवीण भाई तोगड़िया ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के आंदोलन में जिन लोगों ने बलिदान दिया है उन्हीं के परिवार के लोगों से मंदिर निर्माण के लिये भूमि पूजन कराना चाहिये।

तोगड़िया रविवार को टेलीफोन पर बातचीत करते हुए कहा ‘‘मंदिर निर्माण के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा होने वाले भूमि पूजन को मंदिर आंदोलन में जान गंवाने वाले व्यक्ति के परिवार वालों से कराना चाहिये। उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनने जा रहा है। इससे हमारा जीवन धन्य हो गया है। क्योंकि पूरे देश में घूम-घूमकर संत-धर्माचार्यों के सानिध्य में रह करके मंदिर आंदोलन को कई वर्षों तक चलाता रहा, उसके बाद उच्चतम न्यायालय ने भव्य मंदिर निर्माण के लिये जो आदेश दिया है इससे मेरा जीवन धन्य हो गया है।''

उन्होंने कहा ‘‘हमने अपना धर्म कर्म अदा किया है, क्योंकि मैं अस्पताल में रह करके करीब एक हजार मरीजों का सेवा करता था परन्तु राम के बुलावे में अयोध्या में आ करके राम आंदोलन से जुड़ गया और आज मंदिर बनने जा रहा है, जिससे मेरा जीवन धन्य हो गया है। मैं रामलला का दर्शन करने अवश्य आऊंगा।''  

तोगडिय़ा ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के भूमि पूजन पर 1985, 1990, 1992 में जिन-जिन रामभक्तों ने बलिदान दिया है उनके परिवार के एक-एक सदस्य को बुलाना चाहिये। उन्होंने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद के अंतररष्ट्रीय अध्यक्ष रहे अशोक सिंहल, गिरिराज किशोर के भी परिवार को इस भूमि पूजन में बुलाना चाहिये। उन्होंने कहा कि जो यह ट्रस्ट बना है वह सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर नहीं है। इस ट्रस्ट में पंद्रह ट्रस्टी के बजाय पांच सौ एक लोगों का नाम होना चाहिये जिसमें हिंदू के सभी जातियों को सम्मिलित करना चाहिये था। वर्तमान में जो ट्रस्ट बना है इसमें गिने-चुने लोग ही हैं।
 

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