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Bareilly: दीक्षांत समारोह में बोलीं राज्यपाल आनंदीबेन पटेलः डॉक्टर के चेहरे की मुस्कान में मरीज को नजर आता है भगवान

Edited By Ajay kumar,Updated: 30 Dec, 2022 06:26 PM

the patient sees god in the smile on the doctor s face anandiben patel

बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी का चतुर्थ दीक्षांत समारोह गुरुवार को रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के ऑडिटोरियम में संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मेडिकल, डेंटल और नर्सिंग के पाठ्यक्रमों के 59 मेधावी छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल...

Bareilly बरेलीः गुरुवार को रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (Ruhelkhand Medical College and Hospital) के ऑडिटोरियम में बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी (Bareilly International University) का चतुर्थ दीक्षांत समारोह संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Anandiben Patel) ने मेडिकल, डेंटल और नर्सिंग के पाठ्यक्रमों के 59 मेधावी छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल और डिग्री देकर सम्मानित किया। 46 सिल्वर और 62 मेधावियों को भी ब्रांज मेडल दिए गए।

डॉक्टर को धरती का भगवान कहते हैं
समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि अस्पताल में इलाज कराने आने वाले मरीज को अगर डॉक्टर के चेहरे पर मुस्कान नजर आती है तो उस मुस्कान में मरीज को भगवान नजर आता है, इसलिए डॉक्टर को धरती का भगवान कहते हैं। कोरोना काल में डॉक्टरों की भागीदारी ने इसे सार्थक भी किया है। मेडिकल के छात्र- छात्राओं को इस सार्थकता को आगे भी कायम रखना है। इस मौके पर राज्यपाल को कुलाधिपति डॉ. केशव कुमार अग्रवाल, प्रति कुलाधिपति डॉ. अशोक कुमार अग्रवाल, कुलपति डॉ. लता अग्रवाल, प्रति कुलपति डॉ. किरन अग्रवाल ने प्रतीक चिह्न भेंटकर सम्मानित किया।
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84 टॉपर्स में 70 छात्राओं व 14 छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किए
महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय का 20वां दीक्षांत समारोह गुरुवार को अटल सभागार में संपन्न हुआ, जिसमें राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने 84 टॉपर्स में 70 छात्राओं व 14 छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किए। इस दौरान शोध उपाधि भी प्रदान कीं। समारोह में राज्यपाल ने शिक्षा के सही मायने, दहेज प्रथा पर रोक, जी-20 शिखर सम्मेलन में भारत की ताकत दिखाने और कोरोना से बचाव के लिए मास्क लगाने के साथ अन्य बचाव करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संस्कार, मानवता और मदद करने की भावना होनी चाहिए, तभी सही शिक्षा कहलाएगी।
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अपने माता- पिता को मत भूलिए-
राज्यपाल ने बरेली के फर्नीचर व सुर्मे का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मैं मानती हूं कि सभी को स्वर्ण पदक मिला है। आप अपने माता- पिता को मत भूलिए, क्योंकि आपको यहां तक पहुंचाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन में भारत की ताकत दिखाने के लिए नए-नए स्टार्टअप और शोध प्रस्तुत करने होंगे। उन्होंने होटल मैनेजमेंट व गृह विज्ञान के छात्रों को मोटे अनाज से नई-नई रेसेपी तैयार करने को कहा। कहा कि कब तक सरकार पर निर्भर रहोगे। सबको सरकारी नौकरी नहीं मिलने वाली है। सभी आत्मनिर्भर बनें। विश्वविद्यालयों को भी आत्मनिर्भर बनना होगा। परीक्षा, मूल्यांकन सहित सभी काम छात्रों से कराएं, बाहर की एजेंसियों पर न निर्भर रहें। इससे मूल्यांकन में गड़बड़ी होने पर छात्र हंगामा भी नहीं करेंगे। उन्होंने दहेज प्रथा पर एक उदाहरण देते हुए कहा कि क्या लोगे-क्या दोगे इसे खत्म करना होगा, प जो लोग बार-बार दहेज मांगते हैं तो शिक्षा का कोई महत्व नहीं है। उन्होंने नई शिक्षा नीति पर कहा कि एक बात क अच्छी हुई है कि हर साल 30 प्रतिशत हैं पाठ्यक्रम को लगातार चेंज करना पड़ेगा। 

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