IIT-BHU परिसर में छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म के 2 आरोपी जेल से रिहा, विपक्ष के निशाने पर PM मोदी और CM योगी

Edited By Anil Kapoor,Updated: 01 Sep, 2024 03:30 PM

the accused of gangraping a student in bhu campus were released from jail

Lucknow News: समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस ने पिछले साल वाराणसी स्थित आईआईटी-बीएचयू परिसर के अंदर एक छात्रा के साथ कथित सामूहिक बलात्कार की घटना के 2 आरोपियों की रिहाई को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला करते हुए कहा कि इससे...

Lucknow News: समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस ने पिछले साल वाराणसी स्थित आईआईटी-बीएचयू परिसर के अंदर एक छात्रा के साथ कथित सामूहिक बलात्कार की घटना के 2 आरोपियों की रिहाई को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला करते हुए कहा कि इससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कथित ‘महिला सुरक्षा' के पाखंड का पर्दाफाश हो गया है। सामूहिक बलात्कार के आरोपियों कुणाल पांडे और आनंद उर्फ अभिषेक चौहान की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिनमें उच्च न्यायालय के आदेश के बाद वाराणसी की जेल से उनकी रिहाई पर उनका जोरदार स्वागत होते देखा जा सकता है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति कृष्ण पहल ने गत 2 जुलाई को आनंद को और 4 जुलाई को कुणाल को जमानत दे दी थी। कुणाल के वकील ने दलील दी थी कि उनके मुवक्किल का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और वह 31 दिसंबर 2023 से जेल में बंद है।

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वाराणसी जिला कारागार के डिप्टी जेलर शिवपूजन मिश्रा ने रविवार को  एक न्यूज एजेंसी को बताया कि जमानत मिलने के बाद कुणाल को 3 अगस्त और आनंद को 29 अगस्त को रिहा कर दिया गया। सपा की वरिष्ठ नेता जूही सिंह ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “महिला सुरक्षा? निष्पक्ष न्याय? कठोर सजा? उत्तर प्रदेश में यह सब सिर्फ बातें हैं।” सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ‘एक्स' पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि मामले की कमजोर पैरवी के कारण अदालत ने दो आरोपियों को जमानत दे दी। उन्होंने कहा, “जनता भाजपा की राजनीति और अराजकता से तंग आ चुकी है। आज भाजपा की ट्रेन अपने आखिरी स्टेशन पर पहुंच गई है। उसे देश से हाथ जोड़कर माफी मांगनी चाहिए और अपने शासन के दौरान हुई असुविधा के लिए खेद व्यक्त करना चाहिए।

 

अखिलेश ने कहा कि भाजपाई आज कह रहे हैं कि ‘ट्रेन का डिब्बा उनका है, गैर-भाजपाई उसमें नहीं आ सकते…।' कल को ये भाजपाई यही दावा करते हुए आम आदमी को सड़क पर चलने से रोकेंगे। उन्होंने कहा कि दरअसल, रेलगाड़ी की अवधारणा का भाजपा के विचार से गहरा विरोधाभास है। रेलगाड़ी सबको जोड़कर आगे बढ़ने का सकारात्मक प्रगतिशील विचार है; जबकि भाजपा की राजनीति कुछ खास लोगों के लिए बनी डिब्बेनुमा बंद सोच के अंदर-बाहर किसी और को आने-जाने नहीं देना चाहती। ‘कुछ का सााथ, कुछ का विकास' ही उनके झूठे नारों का सच्चा सच है। सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा की राजनीति और भाजपाई अराजकता से जनता त्रस्त हो चुकी है। आज भाजपा की गाड़ी अपने आखिरी स्टेशन पर पहुंच चुकी है, इससे आगे की यात्रा उसके लिए संभव नहीं है। अच्छा हो कि अपनी यात्रा को खत्म करने से पहले भाजपा सरकार भी देश से हाथ जोड़कर माफी मांगते हुए कहे : यात्रीगण कृपया ध्यान दें, हमारे राज में हुई असुविधा के लिए खेद है।

 

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी पर सीधा हमला करते हुए कहा कि इस पूरी घटना ने प्रधानमंत्री और भाजपा के कथित ‘महिला सुरक्षा' के पाखंड को उजागर कर दिया है। कांग्रेस ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, “बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने वाले भाजपा आईटी सेल के दो पदाधिकारी जेल से छूट गए हैं। खबरों के मुताबिक, जब ये जेल से बाहर आए तो जश्न मनाया गया और धूमधाम से इनका स्वागत किया गया।” पार्टी ने कहा, “सनद रहे-सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद भाजपा आईटी सेल के इन पदाधिकारियों को मध्य प्रदेश में भाजपा का प्रचार करने के लिए भेज दिया गया था और वहां ये ‘मोदी की गारंटी' को घर-घर बांट रहे थे। कांग्रेस ने कहा कि सब जानते हैं कि सामूहिक दुष्कर्म करने वाले भाजपा आईटी सेल के ये पदाधिकारी अपनी पार्टी में बड़ा कद रखते हैं। मोदी-योगी, जेपी नड्डा और भाजपा के बड़े नेताओं के साथ इनकी तस्वीरें हैं। ये पूरी घटना नरेन्द्र मोदी और भाजपा के कथित 'महिला सुरक्षा' के ढोंग का पर्दाफाश करती है। कांग्रेस ने सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों की मोदी-योगी के साथ कथित तस्वीरें भी ‘एक्स' पर पोस्ट कीं।

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गोरतलब है कि आईआईटी-बीएचयू परिसर में एक नवंबर 2023 की रात को एक छात्रा हॉस्टल से बाहर गई थी, तभी करमन बाबा मंदिर के पास मोटरसाइकिल पर तीन लोग आए और उसे जबरन एक कोने में ले गए, कथित तौर पर उसके कपड़े उतार दिए तथा उसका वीडियो बनाया और तस्वीरें खींचीं। इस मामले में दर्ज शिकायत के मुताबिक, करीब 15 मिनट बाद आरोपियों ने छात्रा को जाने दिया और उसका फोन नंबर ले लिया। शिकायत के आधार पर लंका थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (महिला का शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम के सुसंगत प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बाद में सामूहिक बलात्कार का आरोप भी प्राथमिकी में जोड़ दिया गया। घटना के 2 महीने बाद पिछले साल दिसंबर में मामले में तीन आरोपियों-कुणाल पांडे, आनंद उर्फ अभिषेक चौहान और सक्षम पटेल को गिरफ्तार किया गया था। 

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