Edited By Anil Kapoor,Updated: 21 Jul, 2019 03:26 PM
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में जमीनी विवाद में हुए नरसंहार मामले में एक प्रत्यक्षदर्शी ने सनसनी फैलाने वाला दावा किया है। गवाह का कहना है कि वारदात से कुछ देर पहले एक सिपाही ने उसे नजदीकी पुलिस स्टेशन से फोन किया था।
लखनऊ\सोनभद्र: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में जमीनी विवाद में हुए नरसंहार मामले में एक प्रत्यक्षदर्शी ने सनसनी फैलाने वाला दावा किया है। गवाह का कहना है कि वारदात से कुछ देर पहले एक सिपाही ने उसे नजदीकी पुलिस स्टेशन से फोन किया था। प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक सिपाही ने उसे जमीन विवाद में समझौता करने के लिए कहा था और चेतावनी दी थी कि ऐसा ना करने पर कुछ भी हो सकता है।
गवाह का कहना है कि सिपाही ने उससे कहा कि अगर मैं नहीं आता हूं तो कुछ होने की स्थिति में प्रशासन को दोष ना दिया जाए। इसका मतलब यह है कि वह जानता था कि कुछ होने वाला है। इसके बाद मैंने ग्रामीणों से सुना कि मूर्तिया गांव का प्रधान लोग और ट्रैक्टर इकट्ठा कर रहा है। इस बाद गवाह ने एसपी पाटिल को फोन कर बताया कि ग्राम प्रधान कोई बड़ी साजिश रच रहा है।
नरसंहार के गवाह ने यह भी दावा किया है कि जब उन्हें लगा कि हमला होने की आशंका है तो उन्होंने सोनभद्र के एसपी सलमान ताज पाटिल से मदद मांगने के लिए उन्हें फोन किया था। गवाह के मुताबिक उन्हें स्थानीय पुलिस स्टेशन से संपर्क करने के लिए कहा गया। इसके बाद घोड़ावाल पुलिस स्टेशन के कॉन्स्टेबल सत्यजीत ने उन्हें कॉल करके कहा कि एसएचओ उनसे जमीन विवाद पर बातचीत करना चाहते हैं।
वहीं दूसरी तरफ एसपी ने गवाह के फोन के दावे को गलत करार दिया। एसपी का कहना है कि मुझे नहीं पता कि गवाह इस तरह आरोप क्यों लगा रहा है। मैं उससे इस मामले में बात करूंगा। एसपी के मुताबिक सिपाही सत्यजीत को सस्पेंड कर दिया गया है और मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। बता दें कि 17 जुलाई को जमीनी विवाद में गोंड और गुर्जर समुदाय में हुए टकराव के दौरान हुई फायरिंग में 10 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 23 लोग घायल हो गए थे।