Edited By Ruby,Updated: 13 Jan, 2019 01:49 PM
लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में सपा-बसपा गठबंधन से राजीनितक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। दो विरोधी धुर के एक साथ होने से जहां सपा-बसपा के कार्यकर्ता और अध्यक्ष खुश हैं तो वहीं बीजेपी समेत कई अन्य दलों को गठबंधन नागवार गुजर रहा है..
अलीगढ़ः लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में सपा-बसपा गठबंधन से राजीनितक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। दो विरोधी धुर के एक साथ होने से जहां सपा-बसपा के कार्यकर्ता और अध्यक्ष खुश हैं तो वहीं बीजेपी समेत कई अन्य दलों को गठबंधन नागवार गुजर रहा है।
इसी कड़ी में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी(एएमयू) छात्र संघ ने सपा-बसपा गठबंधन पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इस गठबंधन को 'ठगबंधन' करार देते हुए कहा कि शिकारी वही हैं बस जाल बदल गया। एएमयू छात्र संघ के उपाध्यक्ष हमजा सुफियान का कहना है कि दोनों दल मुसलमानों का वोट लेकर हमेशा सत्ता हासिल करते आ रहे हैं, लेकिन इस तथाकथित गठबंधन में मुस्लिम राजनीतिक दलों का कोई प्रधिनित्व नहीं दिख रहा है।
इतना ही उन्होंने कहा कि मुसलमानों के नसीब में सिर्फ मोब लीचिंग और दंगे ही आए हैं। चाहे किसी की भी सरकार हो मुसलमानों को कुछ नहीं मिला। बहनजी दलितों की और बाबूजी यादवों की राजनीति करते हैं। आज देश का मुस्लमान सत्ता में हिस्सेदारी चाहता है, वह सिर्फ दरबारी बन कर नहीं रहना चाहता। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बहुत सी मुस्लिम पार्टियां हैं जैसे उलेमा कौंसिल, पीस पार्टी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) बहुत समय से काम कर रही है क्यों उनको इस गठबंधन में शामिल नहीं किया गया। इसके साथ ही कहा कि अगर गठबंधन पार्टियों को शामिल नहीं करते तो हमारे पास नोटा का भी ऑप्शन है।