Edited By Anil Kapoor,Updated: 18 Jun, 2018 09:30 AM
रेलवे बोर्ड पूरे देश से भारतीय रेलवे के 11,040 पद समाप्त करने के लिए तैयार बैठा है। इसमें उत्तर रेलवे के 1500 पद शामिल हैं। चतुर्थ और तृतीय श्रेणी के इन पदों को रेलवे बोर्ड निरर्थक मान चुका है। पदों को समाप्त करने के लिए रेलवे बोर्ड ने दिशा-निर्देश...
सहारनपुर: रेलवे बोर्ड पूरे देश से भारतीय रेलवे के 11,040 पद समाप्त करने के लिए तैयार बैठा है। इसमें उत्तर रेलवे के 1500 पद शामिल हैं। चतुर्थ और तृतीय श्रेणी के इन पदों को रेलवे बोर्ड निरर्थक मान चुका है। पदों को समाप्त करने के लिए रेलवे बोर्ड ने दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं। रेलवे बोर्ड के इस फरमान से कर्मचारी संगठन सकते में हैं।
रेलवे बोर्ड से महा प्रबंधकों को मिले पत्र में उक्त जानकारी दी गई है। यह भी कहा गया है कि यह सभी ऐसे पद हैं जिनकी वर्तमान में कोई आवश्यकता नहीं है। पिछले कई वर्षों में न केवल तकनीक बदल गई है, बल्कि कार्य संस्कृति और सेवाओं के स्वरूप में भी काफी बदलाव हुआ है। ऐसे में यह पद रेलवे के लिए फायदे की बजाय नुक्सानदायक साबित हो रहे हैं। ऐसे में इन पदों को सरेंडर करना ही उचित होगा। बोर्ड के निर्देश मिलने के बाद इन पदों को समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
कर्मचारी संगठन बता रहे छल
रेलवे बोर्ड के इस फरमान से कर्मचारी संगठनों में रोष है। नार्दर्न रेलवे मैंस यूनियन (नरमू) के महामंत्री परमजीत सिंह कहते हैं कि रेलवे बोर्ड पिछले कई वर्षों से पदों को सरेंडर कर रहा है। पदों पर जब तैनाती ही नहीं होगी तो वे खाली ही रहेंगे। भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष कहते हैं कि बोर्ड के आदेश से रेलवे और कर्मचारियों दोनों का नुक्सान है। सब कुछ बढ़ रहा है लेकिन, कर्मचारी कम हो रहे हैं। वर्तमान सरकार कर्मचारियों और मजदूरों के साथ छल कर रही है।
मांगा जा रहा कर्मचारियों का ब्यौरा
रेलवे बोर्ड ने सभी विभागों से तैनात कर्मचारियों का ब्यौरा मांगा है जिसके तहत विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की लिस्ट तैयार कर रहे हैं। विभाग में कर्मचारियों की संख्या, पदनाम, कार्य, मोबाइल नंबर और पता आदि की सूची तैयार हो रही है। भारतीय रेलवे में करीब 13 लाख रेलकर्मी तैनात हैं।