मुख्तार अंसारी मामले में SC में तीखी बहस, कहा- ये मामला फिल्मी साजिश जैसा

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 03 Mar, 2021 01:46 PM

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यूपी के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी पंजाब की जेल में बंद है। यूपी को मुख्तार अंसारी चाहिए लेकिन पंजाब मुख्तार अंसारी को देने को तैयार नहीं है। ऐसे में दोनों राज्य सरकारों की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है। मुख्तार अंसारी को वापस यूपी भेजने के...

लखनऊ: यूपी के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी पंजाब की जेल में बंद है। यूपी को मुख्तार अंसारी चाहिए लेकिन पंजाब मुख्तार अंसारी को देने को तैयार नहीं है। ऐसे में दोनों राज्य सरकारों की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है। मुख्तार अंसारी को वापस यूपी भेजने के मामले की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई की गई, वहीं इस मामले में कल भी सुनवाई होगी।

मुख्तार अंसारी के मामले पर यूपी और पंजाब सरकारों के बीच फिर तीखी बहस हुई। यूपी सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ये हिन्दी और साउथ की फिल्मों की स्क्रिप्ट जैसी है। उस पर 30 FIR हैं और 14 मामलों में ट्रायल चल रहा है। अचानक 2019 में पंजाब में एक FIR दर्ज कर ली। पंजाब में उनका रहना असंवैधानिक है, क्योंकि वो MP/ MLA कोर्ट की हिरासत में थे और पंजाब पुलिस बांदा जेल में पहुंची और जेल अफसरों ने उसे पंजाब पुलिस को सौंप दिया, जबकि ये आदेश अदालत को देना था। 

इसके बाद यूपी जेल अफसर को निलंबित भी किया गया। तभी से वो पंजाब की जेल में है। पता नहीं ये वो ही मुख्तार अंसारी है या नहीं। वहां पर कोई चार्जशीट भी दाखिल नहीं हुई। अंसारी ने इसके बावजूद डिफॉल्ट जमानत नहीं ली। पंजाब पुलिस और अंसारी आपस में मिले हुए हैं और न्यायिक सिस्टम को धोखा दे रहे हैं। आरोपी मुख्तार अंसारी पंजाब की जेल से ही अपना अवैध कारोबार चला रहा है। इसको लेकर यूपी के मऊ जिले में मुकदमा भी दर्ज किया है। 2005 से मुख्तार जेल में है।  

29 अप्रैल 2019 और 22 जून 2019 को पंजाब पुलिस ने यूपी में विशेष अदालत को बताया कि आरोपी मुख्तार अंसारी की सेहत नहीं सही है, जबकि इसी दौरान उसे दिल्ली की कोर्ट में पेश किया गया। पंजाब की तरफ से पेश वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि क्या कोई राज्य किसी राज्य को आदेश देने के लिए SC में याचिका दाखिल कर सकता है? 

हाथरस मामले के केरल के पत्रकार का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में वो भी यह मांग कर सकता है कि मैं केरल का रहने वाला हूं तो मेरा मामला केरल में चलाया जाना चाहिए। वहीं मुख्तार के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि वो पांच बार से विधायक हैं। यूपी में उसके सहयोगी मुन्ना बजरंगी की जेल में हत्या कर दी गई. दो हफ्ते पहले एक अन्य आरोपी को ट्रांजिट रिमांड के दौरान खत्म कर दिया गया, मेरी जान को खतरा है। कृष्णानंद राय हत्या मामले में सुनवाई को दिल्ली ट्रांसफर किया गया था। मैं चाहता हूं कि पंजाब के मामले को भी दिल्ली ट्रांसफर किया जाए। कोर्ट ने कहा कि हम आपकी मांग पर ध्यान देंगे।

जानने योग्य है कि पिछली सुनवाई में यूपी सरकार की तरफ से सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपनी दलीलें रखीं तो मुख्तार की तरफ से मुकुल रोहतगी ने पक्ष रखा। इस दौरान रोहतगी ने मुख्तार अंसारी को छोटा आदमी बताते हुए कहा कि यूपी सरकार जानबूझकर उसे परेशान कर रही है। इस पर तुषार मेहता ने कहा कि ये इतने छोटे आदमी हैं जिनको बचाने के लिए पूरी पंजाब सरकार बेशर्मी से इनके पीछे खड़ी है। तुषार मेहता की बात सुनकर मुकुल रोहतगी ने कहा कि अगर मैं (मुख्तार) इतना ताकतवर हूं तो मुझे सीएम बना दो।

यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी दलील
काफी समय से दो राज्यों की बीच छिड़ी हुई बहस अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। इस मामले में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में लिखित दलीलें दाखिल करते हुए कहा था, वह मुख्तार की सुरक्षा और उसके स्वास्थ्य को लेकर प्रतिबद्ध है। अपने हलफनामें यूपी सरकार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर मुख्तार को वापस उत्तर प्रदेश भेजे। यूपी सरकार ने कहा कि मोहाली में दर्ज केस भी प्रयागराज ट्रांसफर किया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी पर प्रयागराज के MP/MLA कोर्ट में जघन्य अपराध के 10 केस दर्ज हैं। बांदा जेल सुपरिटेंडेंट ने बिना MP/MLA कोर्ट की अनुमति पंजाब पुलिस को सौंपा था।

सरकार ने अपने हलफनामे में कोर्ट में कहा कि वहीं कानून के शिकंजे से बचने के लिए ये आधार नहीं हो सकता कि वो किसी दूसरे राज्य में शरण ले। इसलिए उसके ट्रायल के लिए यूपी भेजा जाए। उत्तर प्रदेश सरकार ने ये भी कहा है कि इस मामले में उसकी याचिका सुनवाई योग्य है और वो इसके लिए हित रखने वाला पक्षकार है।

यूपी सरकार ने मिलीभगत का लगाया आरोप
इतना ही नहीं यूपी सरकार ने कहा कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ कई बार पेशी वारंट जारी हुआ, रोपड़ जेल अधिकारी अंसारी को बीमार बताते रहे। ऐसे में यूपी सरकार ने मिलीभगत का आरोप भी लगाया था। सरकार की तरफ से कोर्ट में कहा गया था कि मोहाली मामले में 2 साल से चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है लेकिन फिर भी अंसारी वहां जमानत नहीं मांग रहा है, मिलीभगत साफ दिख रही है।

जानिए पंजाब सरकार ने मामले पर क्या दी प्रतिक्रिया?
पंजाब में कांग्रेस सरकार है, मुख्तार अंसारी का कांग्रेस से कभी कोई राजनीतिक रिश्ता नहीं रहा है। वह बीएसपी के विधायक हैं, बावजूद इसके मुख्तार अंसारी के लिए पंजाब सरकार का सुप्रीम कोर्ट तक आना राजनीतिक गलियारों में सवाल तो खड़ा ही कर रहा है। पंजाब सरकार का कहना है कि इस पूरे प्रकरण को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। कानूनी प्रक्रिया का पालन हो रहा है, हम किसी सरकार के राजनीतिक एजेंडे को पूरा करने के लिए कानूनी प्रक्रिया को नजरअंदाज नहीं कर सकते। अब मामला सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है तो उसके फैसले का इंतजार कीजिए। पंजाब सरकार के तर्क से हटकर राजनीतिक गलियारों में मुख्तार अंसारी के पंजाब सरकार के कुछ प्रभावशाली लोगों से अच्छे संबंध होने की बात भी कही जाती है। वैसे अब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई चार मार्च को है।

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