Edited By Imran,Updated: 24 Oct, 2024 01:26 PM
यूपी में खाली 10 विधानसभा सीटों में 9 सीटों पर उपचुनाव होने वाला है। इस उपचुनाव में कांग्रेस ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं और सभी सीटों पर समाजवादी पार्टी के सिंबल पर ही चुनाव लड़ा जा रहा है। कांग्रेस ने यूपी में एक भी सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारा है,...
लखनऊ: यूपी में खाली 10 विधानसभा सीटों में 9 सीटों पर उपचुनाव होने वाला है। इस उपचुनाव में कांग्रेस ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं और सभी सीटों पर समाजवादी पार्टी के सिंबल पर ही चुनाव लड़ा जा रहा है। कांग्रेस ने यूपी में एक भी सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारा है, इसको लेकर यूपी सियासत गरमा गई है। सपा के इस फैसले पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस पर तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस को अपना दफ्तर और झंडा भी सपा को दे देना चाहिए।
बता दें कि प्रमोद कृष्णम ने एक्स पर लिखते हुए कहा है कि 'कांग्रेस को अपना दफ्तर और झंडा भी सपा को सौंप देना चाहिए।' बता दें कि यूपी नौ सीटों विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और सपा के बीच सीट शेयरिंग का मुद्दा काफी चर्चा में रहा। कांग्रेस जहां प्रदेश में चार से पांच सीटें मांग रही थी, जबकि सपा, कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें देने को तैयार थी। वहीं सपा ने अब सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।
बात सीट की नहीं जीत की है: अखिलेश यादव
वहीं, इस सीट को लेकर अखिलेश यादव ने कल यानि बुधवार को एक्स पर लिखा कि 'बात सीट की नहीं जीत की है'। इस रणनीति के तहत इंडिया गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी सभी 9 सीटों पर समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न साइकिल के निशान पर चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी एक बड़ी जीत के लिए एकजुट होकर, कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़ी है। इंडिया गठबंधन इस उपचुनाव में, जीत का एक नया अध्याय लिखने जा रहा है।
5 सीट मांग रही थी कांग्रेस, सपा थी 2 देने को तैयार
गौरतलब है कि हरियाणा चुनाव का परिणाम जब तक नहीं आया था तब तक कांग्रेस यूपी में 5 सीट की दावेदारी ठोक रही थी। लेकिन परिणाम कांग्रेस के अनुकुल नहीं रहा जिसका आलम यह हुआ कि अखिलेश यादव ने तुंरत 6 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिया। फिर कांग्रेस कील झोली में 2 सीट देने के लिए तय किया गया, लेकिन खबर आई कि कांग्रेस ने उन दो सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए मना दिया। जिसके बाद फिर दोनों पार्टियों के नेताओं की बैठक हुई जिसमें निर्णय लिया गया कि यूपी में सभी सीटों पर सपा के सिंबल पर ही चुनाव लड़ा जाएगा।