Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 27 Dec, 2019 11:28 AM
उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) में हुआ पीएफ घोटाला एक बार फिर चर्चा में है। इस मामले में जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने घोटाले का केस दर्ज कर लिया है। ईडी ने नई दिल्ली मुख्यालय में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया है। जेल बंद...
लखनऊः उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) में हुआ पीएफ घोटाला एक बार फिर चर्चा में है। इस मामले में जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने घोटाले का केस दर्ज कर लिया है। ईडी ने नई दिल्ली मुख्यालय में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया है। जेल बंद और इस मामले से जुड़े आरोपियों ईडी शिकंजा कस सकती है।
केस दर्ज करते ही ईडी ने अपना काम शुरू कर दिया है। जिसके चलते ईडी ने मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध शाखा (EOW) से केस से जुड़े कागजात लिए हैं, वहीं आरोपियों के बैंक खातों की भी डिटेल ईडी के पास है।
गौरतलब है कि यूपीपीसीएल के पूर्व एमडी एपी मिश्रा, सुधांशु द्विवेदी, पीके गुप्ता और 2 चार्टर्ड एकाउंटेंट समेत 14 आरोपी पीएफ घोटाले में जेल में बंद हैं। इसी मामले में आर्थिक अपराध शाखा एसपी शकीलुज्जमा की अगुवाई वाली टीम ने लखनऊ के गौतमपल्ली स्थित सरकारी आवास पर आईएएस अलोक कुमार से कई बिंदुओं पर पूछताछ की है। पावर कारपोरेशन के तत्कालीन अध्यक्ष आलोक कुमार से पीएफ की रकम को निजी कंपनी में निवेश के निर्णय से लेकर कई अन्य बिंदुओं पर उनका बयान दर्ज किया गया।
मालूम हो कि प्रदेश के बिजलीकर्मियों के पीएफ के करीब 4122 करोड़ रुपये डीएचएफएल में गलत तरीके से निवेश किये गये थे। इनमें से 1854 करोड़ रुपये की सावधि जमा तो वापस मिल गयी थी, मगर इसी बीच मुम्बई उच्च न्यायालय द्वारा डीएचएफएल से धन निकासी पर रोक लगाये जाने के कारण बाकी के 2268 करोड़ रुपये उसमें फंस गये हैं।