Edited By Ramkesh,Updated: 06 Jun, 2024 03:27 PM
उत्तर प्रदेश में बीजेपी के सहयोगी पार्टियों को बेहद खराब प्रदर्शन रहा है। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और उनके सहयोगी जीत के बड़े- बड़े दावे कर रहे थे, लेकिन चुनाव में यूपी सरकार में मंत्री संजय निषाद और ओम प्रकाश राजभर तो अपने बेटों तक को जितवा नहीं...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बीजेपी के सहयोगी पार्टियों को बेहद खराब प्रदर्शन रहा है। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और उनके सहयोगी जीत के बड़े- बड़े दावे कर रहे थे, लेकिन चुनाव में यूपी सरकार में मंत्री संजय निषाद और ओम प्रकाश राजभर तो अपने बेटों तक को जितवा नहीं सके जिसके बाद इनकी अहमियत को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। जिस पर अब संजय निषाद का बयान सामने आया है।
दलिता समजा के मन में आरक्षण को लेकर भ्रम फैलाया गया
उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोगों ने दलिता,आदिवासियों के मन में आरक्षण को लेकर भ्रम फैलाया जिस वजह से लोगों ने भाजपा के खिलाफ वोट किया जिस वजह से पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। संजय निषाद ने कहा कि यूपी में 23 परसेंट दलित मतदाता हैं, जिन्हें आरक्षण के सहारे ही विकास की मुख्य धारा में लाया गया लेकिन, उनके अंदर आरक्षण को लेकर भय पैदा किया गया। उनमें गैर जाटव लोग भी थे, हम उसे समझाने में नाकामयाब रहे काम तो हम लोगों ने बहुत किया था लेकिन हम उसे समझा नहीं पाए। जिससे हमें नुकसान उठाना पड़ा।
संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद भी चुनाव हारे
बता दें कि संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद संत कबीर नगर सीट से बीजेपी के चुनाव चिन्ह पर मैदान में थे। यहां निषाद वोटों को अपने पक्ष में एकतरफा होने का दावा करने वाले संजय निषाद इन्हें अपने साथ जोड़कर नहीं रख पाए और निषाद वोट बंटकर सपा के साथ चला गया इस सीट पर प्रवीण निषाद को 92170 वोटों से सपा के पप्पू निषाद ने हरा दिया। वहीं आजमगढ़ में ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर को भी हार का सामना करना पड़ा। जबकि लोकसभा चुनाव के पहले जीत का दावा कर रहे थे।
अयोध्या विकास के बाद हारी बीजेपी
समाजवादी पार्टी के जिला प्रमुख पारसनाथ यादव ने सड़कों को चौड़ा करने के लिए घरों के तोड़े जाने की शिकायत की। उन्होंने कहा, "भगवान राम की भूमि के लोगों ने कहा कि उनके साथ अन्याय हो रहा है और उन्हें उनकी जगहों से उजाड़ा जा रहा है।" अयोध्या के महापौर और भाजपा नेता गिरीश पति त्रिपाठी ने कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि लोकसभा चुनाव के नतीजे हमारे लिए चौंकाने वाले हैं। उन्होंने दावा किया कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि प्रतिद्वंद्वियों ने जाति कार्ड खेला और किसी तरह, हमने उन चीजों को कम करके आंका।" राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में एक वादी इकबाल अंसारी ने कहा कि चुनावों से पहले अयोध्या के लोगों ने यह नहीं बताया कि उन्हें किससे वोट करना हैं । इकबाल ने भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ किसी भी मुस्लिम गोलबंदी से इनकार करते हुए कहा, "अयोध्या में मुसलमानों की आबादी नगण्य है और चाहे जीत हो या हार, यह हिंदू वोटों के कारण होती है।