Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 29 Nov, 2019 03:56 PM
अयोध्या में 6 दिसम्बर 1992 को विवादित ढांचा गिराये जाने की 27 वीं बरसी पर हिंदू संगठनों ने खुद को कसी भी कार्यक्रम से खुद को दूर रखा है जबकि मुस्लिम संगठन हर साल की तरह इस साल भी इसे शोक दिवस के रूप में मनायेगा...
लखनऊः अयोध्या में 6 दिसम्बर 1992 को विवादित ढांचा गिराये जाने की 27 वीं बरसी पर हिंदू संगठनों ने खुद को कसी भी कार्यक्रम से खुद को दूर रखा है जबकि मुस्लिम संगठन हर साल की तरह इस साल भी इसे शोक दिवस के रूप में मनायेगा।
अयोध्या की विवादित जमीन पर पिछले 9 नवम्बर को उच्चतम न्यायालय का फैसला रामजन्मभूमि के पक्ष में आ चुका है लिहाजा विश्व हिंदू परिषद समेत अन्य संगठन हर साल की तरह इस साल शौर्य दिवस नहीं मनायेंगे तथा दीप जलाकर इस पर खुशी जाहिर करेंगे जबकि मुस्लिम संगठनों ने हर साल की तरह शोक दिवस मनासने का फैसला किया है।
अंजुमन मुहाफिज-मस्जिद वा मुकाबिर के अध्यक्ष और उच्चतम न्यायालय में मुस्लिम पक्षकार हाजी महबूब ने शुक्रवार को कहा कि 6 दिसम्बर को शोक दिवस के मौके पर असाउदीन ओवैंसी ओर लफरयाब जिलसनी समेत अन्य नेताओं को आमंत्रित किया गया है।
उन्होंने कहा कि मुस्लिम लीग और मुस्लिम मजलिस ने भी शोक दिवस मनाने का निर्णय लिया है। हाजी महबूब ने कहा कि फैसले के खिलाफ तीन से पांच दिसम्बर के बीच उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की जायेगी।