मुजफ्फरनगर: वॉलीबॉल के झगड़े में हुआ था मर्डर, 7 हत्यारों को 9 साल बाद फांसी की सजा

Edited By Anil Kapoor,Updated: 21 Nov, 2018 01:27 PM

murder was in the volleyball fight  after 9 years 7 convicts hanging

जनपद के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश भारद्वाज ने थाना शाहपुर क्षेत्र के गांव हरसौली में खेल में हुए विवाद में मृतक किसान युवक नसीम के  7 हत्यारों को 9 साल बाद फांसी की सजा सुनाई है।

मुजफ्फरनगर: जनपद के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश भारद्वाज ने थाना शाहपुर क्षेत्र के गांव हरसौली में खेल में हुए विवाद में मृतक किसान युवक नसीम के  7 हत्यारों को 9 साल बाद फांसी की सजा सुनाई है।

जनपद के थाना शाहपुर पर वादी मुकद्दमा मोहम्मद इरफान पुत्र शमसूदीन निवासी हरसौली ने मुकद्दमा दर्ज कराते हुए बताया था कि 25 फरवरी 2010 को गांव में उनके घर में घुस कर उसके भाई नसीम को घेर कर ताबड़-तोड़ गोलियां चला कर उसकी हत्या कर दी और खलील, रैयान, शाकिल गम्भीर रूप से घायल हो गए। इस मुकद्दमे में सरफराज पुत्र शौकत अली, शाहिद पुत्र इकबाल, अरशद पुत्र फरजूला, शादिक पुत्र इकबाल, राशिद पुत्र इस्लाम, फारुक पुत्र इस्लाम, मुमताज पुत्र इस्माइल निवासीगण हरसौली को आरोपी बनाया गया था।

PunjabKesariहत्या का कारण गांव में हुए वालीबॉल के खेल में विवाद होना बताया गया था। इस मुकद्दमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश भारद्वाज की अदालत संख्या 11 में हुई जिसमें सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता कमल कुमार ने अभियोजन पक्ष की ओर से मुकद्दमा सिद्ध करने के लिए 9 गवाहों की गवाही कराते हुए हुए अपनी दलील व सबूत पेश किए।

PunjabKesariविद्वान न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलील व सबूतों के साथ गवाहों के बयान पर गौर करते हुए सभी अभियुक्तों को नसीम की हत्या करने व खलील, रैयान, शाकिल पर जानलेवा हमला करने का दोषी करार देते हुए धारा धारा 302/149 के तहत सभी अभियुक्तों को फांसी के साथ 1000 रुपए जुर्माना, धारा 307/149 के तहत आजीवन कारावास, धारा 148 के तहत 3 वर्ष का कारावास व 1000 रुपए जुर्माना, धारा 452 के तहत 3 वर्ष का कारावास व 1000 रुपए जुर्माना, सरफराज व शाहिद को आर्म्स एक्ट में 3 वर्ष का कारावास व 1000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।

PunjabKesariन्यायाधीश ने सभी अभियुक्तों के द्वारा किसान युवक की घर में घुस कर ताबड़़-तोड़ गोलियां चला कर हत्या करने को नृशंस मानते हुए गर्दन टूटने तक लटका कर फांसी देने की सजा सुनाई है। यह सजा जनपद के इतिहास में सब से बड़ी सजा मानी जा रही है। अब तक किसी भी मुकद्दमे में 7 लोगों को फांसी की सजा नहीं सुनाई गई है। अभियुक्तो में 4 लोग आपस में सगे भाई हैं।

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