Edited By Anil Kapoor,Updated: 17 Jul, 2019 01:28 PM
प्रदेश में भाजपा सरकार के गठन के बाद पश्चिमी यूपी में समानांतर सरकार चलाने वाले के नाम से मुख्यमंत्री द्वारा विख्यात किए जाने वाले पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की उलटी गिनती रुकने का नाम नहीं ले रही है। कभी ईडी और सीबीआई की जांच से परेशान तो कभी....
सहारनपुर: प्रदेश में भाजपा सरकार के गठन के बाद पश्चिमी यूपी में समानांतर सरकार चलाने वाले के नाम से मुख्यमंत्री द्वारा विख्यात किए जाने वाले पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की उलटी गिनती रुकने का नाम नहीं ले रही है। कभी ईडी और सीबीआई की जांच से परेशान तो कभी जिला प्रशासन की कार्रवाइयों से परेशान रहने वाला यह परिवार अब गौतमबुद्ध नगर के एसीजेएम कोर्ट में हाजिरी लगाने के लिए तैयारी कर रहा है। इस कोर्ट में भी वायदा खिलाफी का ही मुकद्दमा चल रहा है और हाजिर होने का नोटिस भी जारी हो चुका है।
जानकारी के अनुसार जिले में लगभग डेढ़ दशक तक खनन के क्षेत्र में अपना सिक्का चलाने वाले पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल ने अकूत सम्पत्ति कमाई और प्रदेश में 11 चीनी मिलें खरीदने से अरबों रुपए की जमीन और बाग के साथ ही अरबों की यूनिवर्सिटी भी खड़ी कर दी।
इसी दौरान उनकी शिकायतें भी खूब हुईं और मामले हाईकोर्ट के जरिए सीबीआई और ईडी तक पहुंच गए। वर्ष 2017 में प्रदेश की सत्ता पाने के बाद तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दलित आंदोलन में फंडिंग के लिए हाजी इकबाल को दोषी मान कर उनके अवैध कारोबारों के साथ ही अवैध कमाई से अर्जित की गई संपत्ति पर प्रहार शुरू करा दिया था। तत्कालीन जिलाधिकारी पीके पांडेय ने काफी तत्परता दिखाई और यूनिवर्सिटी में सरकारी जमीन, सीलिंग एक्ट के उल्लंघन, करोड़ों की आरसी आदि जारी करने करने की कार्रवाई तक कर दी थी।
एक नया मामला गौतमबुद्ध नगर जिले में उनके कारनामों और जुड़ा है। इस मामले में एसीजेएम तृतीय की कोर्ट ने हाजी इकबाल के भाई एमएलसी महमूद अली पुत्र अब्दुल वहीद, सहयोगी लईक अहमद खान पुत्र स्व. अहमद सईद खान, राजेश गुप्ता पुत्र स्व. बांकेलाल और लवीणा पंत पुत्र स्व. सौरभ कमीकर निवासी किराएदार एफ.130/ वीवीआईपी राजनगर एक्सटेंशन सिंहानीगेट थाना इंफोटैक जिला गाजियाबाद तथा उमर जमशेद पुत्र स्व. मो. जमशेद निवासी ए. 169 कौशांबी निकट सिक्का अपार्टमैंट इंद्रापुरम जिला गाजियाबाद को धारा 406 व 420 की नोटिस देकर 1 अगस्त 19 को कोर्ट में तलब किया है।