मिर्जापुर लोकसभा सीट: PM मोदी के सहारे अनुप्रिया पटेल का बेड़ा पार होने की उम्मीद

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 28 May, 2024 04:08 PM

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सिद्ध पीठ मां विंध्यवासिनी धाम के लिए प्रसिद्ध मिर्जापुर लोकसभा क्षेत्र से पिछले दो बार (2014 और 2019) से सांसद और तीस...

मिर्जापुर: सिद्ध पीठ मां विंध्यवासिनी धाम के लिए प्रसिद्ध मिर्जापुर लोकसभा क्षेत्र से पिछले दो बार (2014 और 2019) से सांसद और तीसरी बार अपना दल (S) से प्रत्याशी अनुप्रिया पटेल के कामकाज से लोग संतुष्ट नहीं हैं। हालांकि, उन्हें लगता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार फिर से बनाने के लिए उन्हें वाणिज्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल के पक्ष में मतदान करना चाहिए। विंध्याचल धाम कॉरिडोर के लिए जमीन दान देने वाले बलराम शुक्ला के पुत्र हर्ष शुक्ला का कहना है, “इस कॉरिडोर का निर्माण प्रदेश की योगी सरकार द्वारा कराया जा रहा है जिसमें यहां के विधायक रत्नाकर मिश्रा का विशेष योगदान है।” कॉरिडोर में अनुप्रिया पटेल के योगदान के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, “कॉरिडोर में अनुप्रिया की कोई विशेष भूमिका नहीं दिखती। वह अति विशिष्ट जनों के आगमन पर यहां आती हैं। हालांकि, सपा प्रत्याशी रमेश बिंद द्वारा ब्राह्मणों को गाली देने से ब्राह्मण समाज उनसे नाराज है और वह अनुप्रिया के पक्ष में मतदान कर सकता है।” 

'विंध्याचल कॉरिडोर, मोदी-योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट है और अनुप्रिया का इससे कोई लेना देना नहीं है'
विंध्याचल धाम के पास शिवपुर में चाय पानी की दुकान चलाने वाले कुंदन लाल धरकार का भी कहना है, “विंध्याचल कॉरिडोर, मोदी-योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट है और अनुप्रिया का इससे कोई लेना देना नहीं है। फिर भी मोदी को लाने के लिए हम अनुप्रिया को ही वोट देंगे।” मिर्जापुर कचेहरी में वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद स्वरूप श्रीवास्तव का कहना है, “अनुप्रिया 2014 से यहां की सांसद हैं, लेकिन वह लोगों की पहुंच से बहुत दूर हैं और ना ही कभी किसी का फोन उठाती हैं। उन्होंने सांसद निधि से सार्वजनिक स्थलों पर टिन शेड लगवाने के अलावा कोई काम नहीं किया। जो काम हुआ, केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं से हुआ।” उन्होंने कहा, “अनुप्रिया ने जिले में केवल भाजपा के नेताओं को साध रखा है। लेकिन वह भाजपा कार्यकर्ताओं की भी पहुंच से दूर हैं। मोदी सरकार फिर से लाने के लिए अनुप्रिया को वोट देना लोगों की मजबूरी है।” मिर्जापुर के चुनार विधानसभा क्षेत्र में चुनार के किले के पास हीरा पॉटरी वर्क्स नाम से पॉटरी की दुकान चलाने वाले अवधेश कुमार वर्मा ने हालांकि अनुप्रिया की प्रशंसा करते हुए कहा कि पॉटरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए अनुप्रिया ने काम किया है और वह अच्छी वक्ता हैं। 

'अनुप्रिया मुख्य रूप से पटेल बहुल क्षेत्रों पर ध्यान देती हैं...'
नगर के सिविल लाइंस क्षेत्र में एक ट्रैवल एजेंसी चलाने वाले विष्णु सिंह का कहना है “अनुप्रिया मुख्य रूप से पटेल बहुल क्षेत्रों पर ध्यान देती हैं क्योंकि इस लोकसभा क्षेत्र में कुल 18 लाख मतदाताओं में करीब 5,40,000 मतदाता पटेल हैं। इनमें सर्वाधिक करीब 4,80,000 पटेल मतदाता मड़िहान और चुनार विधानसभा क्षेत्रों में हैं।” कसेरहट्टी इलाके में पीतल के बर्तन बनाने के व्यवसाय में लगे अमरेश कसेरा का कहना है, “अनुप्रिया पटेल की ओर से आज तक पीतल व्यवसायियों को कोई सहयोग नहीं मिला, जबकि मिर्जापुर के पीतल के उत्पाद, प्रदेश सरकार की एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में शामिल है।” उन्होंने कहा, “पीतल बनाने के उद्योग में 25,000 से अधिक परिवार लगे हैं। यदि अनुप्रिया चाहतीं तो इस उद्योग को नई ऊंचाई पर ले जा सकती थीं। इन सबके बावजूद पीतल व्यवसायी, मोदी सरकार फिर से लाने के लिए अनुप्रिया के पक्ष में मतदान करेंगे। हालांकि, अनुप्रिया की जीत का अंतर इस बार कम रहेगा।” नगर के तरकापुर फुलवरिया में मजदूरी करने वाले इम्तियाज का कहना है, “मोदी-योगी के राज में चौबीसों घंटे बिजली आ रही है, सीवर लाइन पड़ गई है और हमारे यहां की महज एक किलोमीटर की जो सड़क दशकों से नहीं बनी थी, वह आरसीसी की बनाई गई है। ये सभी काम सरकार ने किए हैं। अनुप्रिया पटेल केवल चुनाव आने पर यहां आती हैं।” 

'गंगा नदी पर पुल बन जाने से बनारस से पर्यटक चुनार का किला देखने आने लगे हैं'
उन्होंने कहा, “कैलाश चौरसिया सपा सरकार में तीन बार मंत्री रहे, लेकिन उन्होंने यह रोड नहीं बनवाई।” चुनार के सराय टिकौर के निवासी पंकज कुमार ने हालांकि अनुप्रिया पटेल के कामकाज से संतुष्टि जताते हुए कहा, “ गंगा नदी पर पुल बन जाने से बनारस से पर्यटक चुनार का किला देखने आने लगे हैं।” उन्होंने कहा, “अनुप्रिया जी अगर इस पूरे किले को पर्यटन के लिए खोल दें तो यहां का आकर्षण बढ़ेगा और लोग किले में वारेन हेस्टिंग का बंगला, धूप घड़ी, फांसी घर, राजा-रानी का महल आदि देख सकेंगे। किले तक जाने वाली सड़कों को चौड़ा कर रास्तों का सौंदर्यीकरण करने की जरूरत है।” वर्तमान में किले का अधिकांश हिस्सा पुलिस विभाग के कब्जे में है जहां पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। मिर्जापुर लोकसभा सीट पर सातवें और अंतिम चरण के तहत एक जून को मतदान होना है। यहां से समाजवादी पार्टी से रमेश बिंद और बहुजन समाज पार्टी से मनीष त्रिपाठी प्रत्याशी हैं। मिर्जापुर लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा क्षेत्र- छानबे, मिर्जापुर सदर, मझवा, चुनार और मड़िहान शामिल हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या करीब 18 लाख है। 

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