Edited By Ruby,Updated: 02 Apr, 2019 11:28 AM
लखनऊः बसपा प्रमुख मायावती ने मूर्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल किया है। मायावती ने मूर्ति पर खर्च किए गए पैसे को सही ठहराते हुए कहा कि विधान मंडल ने दलित नेता के प्रति आदर जताया, मूर्तियां लोगों की इच्छा का प्रतिनिधित्व करती हैं..
लखनऊः बसपा प्रमुख मायावती ने मूर्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल किया है। मायावती ने मूर्ति पर खर्च किए गए पैसे को सही ठहराते हुए कहा कि विधान मंडल ने दलित नेता के प्रति आदर जताया, मूर्तियां लोगों की इच्छा का प्रतिनिधित्व करती हैं।
इसके साथ ही उन्होंने हलफनामे में कहा कि दलित नेताओं द्वारा बनाई गई मूर्तियों पर ही सवाल क्यों? वहीं बीजेपी और कांग्रेस जैसी पार्टियों द्वारा जनता के पैसे इस्तेमाल करने पर सवाल क्यों नहीं? मायावती ने इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सरदार पटेल, शिवाजी, एनटी राम राव और जयललिता आदि की मूर्तियों का भी हवाला दिया। मायावती ने कहा कि लोगों को प्रेरणा दिलाने के लिए स्मारक बनाए गए थे। इन स्मारकों में हाथियों की मूर्तियां केवल वास्तुशिल्प की बनावट मात्र हैं और ये बीएसपी के पार्टी प्रतीक का प्रतिनिधित्व नहीं करते।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर आज सुनवाई कर सकता है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि वो पहली नजर में उसका विचार है कि बसपा सुप्रीमो मायावती को प्रतिमाओं पर लगाया जनता का पैसा लौटाना चाहिए।