Edited By Ramkesh,Updated: 11 Sep, 2024 04:35 PM
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि भाजपा राज में मुठभेड़ का एक पैटर्न सेट हो गया है। अखिलेश ने पुलिस के साथ मुठभेड़ में आरोपियों के मारे जाने...
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि भाजपा राज में मुठभेड़ का एक पैटर्न सेट हो गया है। अखिलेश ने पुलिस के साथ मुठभेड़ में आरोपियों के मारे जाने को ‘फर्जी मुठभेड़' भी करार दिया। अखिलेश ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि भाजपा राज में मुठभेड़ का एक ‘पैटर्न' सेट हो गया है कि ‘पहले किसी को उठाओ, फिर झूठी मुठभेड़ की कहानी बनाओ और फिर दुनिया को झूठी तस्वीरें दिखाओ।'
भाजपाई नेता गैरकानूनी मुठभेड़ को सही साबित करने में जुटे
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘” फिर हत्या के बाद परिवार वालों द्वारा सच बताये जाने पर तरह-तरह के दबाव व प्रलोभन से उन्हें दबाओ। विपक्षी राजनीतिक दलों द्वारा भंडाफोड़ होने पर अपने दोयम दर्जे के नेताओं को आगे करके शीर्ष नेतृत्व को बचाओ। अखिलेश ने अपने ट्वीट में यह भी कहा कि जिसका दाना-उसका गाना' वाले संबंधों को निभाने वाले मीडिया को दुष्प्रचार के लिए लगाओ। फिर झूठ में पारंगत अपने तथाकथित बड़े भाजपाई नेताओं से ऐसी गैरकानूनी मुठभेड़ को सही साबित करने के लिए तर्कहीन बयानबाजी कराओ।
मुठभेड़ में 60 प्रतिशत लोग पीडीए के मारे गए- अखिलेश
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “” भाजपा अपने दल-बल के साथ मुठभेड़ को जितना अधिक सच साबित करने में लग जाती है, वह मुठभेड़ दरअसल उतना ही बड़ा झूठ होता है। भाजपा ने सच का ही ‘एनकाउंटर' कर दिया है।'' इससे पहले यादव ने मंगलवार को राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा था कि भाजपा शासन के दौरान मुठभेड़ों के आंकड़े अवैध हत्याओं और पीडीए के खिलाफ किये गये अन्याय के भी आंकड़े हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने ‘फर्जी मुठभेड़' के कुछ आंकड़े भी साझा किए, जिसमें उन्होंने दावा किया कि पुलिस के साथ गोलीबारी में मारे गए 60 प्रतिशत लोग पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) के थे। यादव ने मंगलवार शाम ‘एक्स' पर आंकड़े साझा करते हुए एक अन्य पोस्ट में कहा था, “भाजपा राज में मुठभेड़ का आंकड़ा गैर कानूनी हत्याओं की नाइंसाफ़ी का भी आंकड़ा है और साथ ही पीडीए के विरूद्ध हुए अन्याय का भी।