Loksabha Election 2019: एक नजर वाराणसी लोकसभा सीट पर

Edited By Ruby,Updated: 18 May, 2019 01:57 PM

loksabha election 2019 a look at varanasi lok sabha constituency

वाराणसीः दुनिया के प्राचीनतम जीवित शहरों में से एक शहर है वाराणसी। वाराणसी को काशी और बनारस भी कहते हैं। काशी को शिव कि नगरी कहा जाता है। ये भी मान्यता है कि ये शहर भगवान शिव के त्रिशुल पर टिकी है। गंगा नदी के किनारे यह शहर जितना पुरातन है। उतने ही...

वाराणसीः दुनिया के प्राचीनतम जीवित शहरों में से एक शहर है वाराणसी। वाराणसी को काशी और बनारस भी कहते हैं। काशी को शिव कि नगरी कहा जाता है। ये भी मान्यता है कि ये शहर भगवान शिव के त्रिशुल पर टिकी है। गंगा नदी के किनारे यह शहर जितना पुरातन है। उतने ही इसके रहस्य हैं, हिन्दुओं की पवित्र सप्तपुरियों में से एक शहर भी है। स्कंद पुराण, रामायण और महाभारत सहित प्राचीनतम ऋग्वेद सहित कई हिन्दू ग्रन्थों में इस नगर का उल्लेख आता है। सामान्यतः वाराणसी शहर को कम से कम 3000 साल पुराना तो माना ही जाता है। यह शहर मलमल और रेशमी कपड़ों, इत्रों, हाथी दांत और शिल्प कला के लिये व्यापारिक औद्योगिक केन्द्र रहा है।

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वाराणसी लोगों को करती हैं आकर्षित

गौतम बुद्ध के काल में वाराणसी काशी राज्य की राजधानी हुआ करता थी। प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेन त्सांग ने इस शहर को धार्मिक, शैक्षणिक और कलात्मक गतिविधियों का केन्द्र बताया है और इसका विस्तार गंगा नदी के किनारे 5 किलोमीटर तक लिखा है। यह शहर धर्म की नगरी है। यहां के लोग सुबह से लेकर शाम तक मस्त अल्हड़पन में अपना जीवन जीते है। इस शहर में मृत्यु का दुख नहीं,जीवन की खुशी नहीं बल्कि इन दोनों के बीच मिलने वाले आनंद को लोग जीते हैं। शहर में चाय कि चुस्कियों के साथ बनारसी पान खाए लोग धर्म के साथ  राजनीति की अलग फिजा बांधते हैं। मंदिरों और गलियों का यह शहर पूरे दुनिया के लोगों को आकर्षित करता है और पूरे साल भारी संख्या में सैलानी इस शहर में मौजूद रहते हैं। बनारसी साड़ी, बनारसी पान, लस्सी समेत ढेरों खान पान की स्वादिष्ट चीजें लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। इस शहर में बौद्ध धर्म का प्रसिद्ध धर्म स्थल सारनाथ भी मौजूद है यहां न तो कोई हिंदू होता है न कोई मुसलमान न कोई बौद्ध यहां बस बनारसीपने के साथ लोग अपना जीवन जीते हैं। यही वजह है कि 2014 में नरेंद्र मोदी को पहला लोकसभा चुनाव लड़ना हुआ तो वो गुजरात छोड़कर गंगा के इस शहर में आए और चुनाव जीत कर यहां से सांसद बने और फिर प्रधानमंत्री।

लोकसभा इतिहास
बात करें वाराणसी के लोकसभा इतिहास कि तो यहां 1957 में हुए पहले चुनाव में रघुनाथ सिंह यहां से सांसद बने। 1962 में भी रघुनाथ सिंह सांसद रहे। 1967 के चुनाव में सीपीआई ने यहां चुनाव जीता और एस एन सिंह सीपीआई से सांसद बने। 1971 के चुनाव में कांग्रेस से राजाराम शास्त्री चुनाव जीत कर संसद पहुंचे। 1977 में हुए चुनाव में भारतीय लोकदल से चंद्रशेखर ने चुनाव जीता और सांसद बने। 1980 के चुनाव में कांग्रेस से कमलापति त्रिपाठी यहां से सांसद बने। 1984 के चुनाव में कांग्रेस से श्याम लाल यादव सांसद बने। 1989 के चुनाव में जनता दल से अनिल शास्त्री यहां से चुनाव जीत कर संसद पहुंचे। 1991 के चुनाव में बीजेपी का यहां खाता खुला और शीश चंद्र दीक्षित चुनाव जीते। 1996 के चुनाव में बीजेपी के शंकर प्रसाद जायसवाल यहां से सांसद बने। 1998 और 1999 के चुनाव में भी शंकर प्रसाद ही सांसद बने।  2004 के चुनाव में कांग्रेस से राजेश कुमार मिश्रा चुनाव जीते। 2009 के चुनाव में यहां से मुरली मनोहर जोशी ने चुनाव जीता और 2014 में नरेंद्र मोदी यहां से चुनाव जीते और प्रधानमंत्री बने। 2019 के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुबारा यहीं से चुनाव लड़ रहे हैं और उनके सामने गठबंधन के खाते से सपा उम्मीदवार शालिनी यादव और कांग्रेस से अजय राय चुनावी मैदान में हैं। 

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लोकसभा में 5 विधानसभा सीटें शामिल हैं
बात करें विधानसभा सीटों की तो इस लोकसभा में 5 विधानसभा सीटें शामिल हैं।  नमें रोहनिया, वाराणसी उत्तरी, वाराणसी दक्षिण, वाराणसी छावनी और सेवापुरी सीटें शामिल है। 2017 के विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। सेवापुरी सीट पर बीजेपी गठबंधन अपना दल ने चुनाव लड़ा और जीता। इस तरीके से सभी सीटें बीजेपी के पास ही है।

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कुल मतदाताओं की संख्या
2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट पर कुल 17 लाख 96 हज़ार 930 वोटर अपने मत का प्रयोग करेंगे। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 9 लाख 95 हज़ार 263 है। जबकि महिला वोटरों की संख्या 8 लाख 1 हज़ार 563 है। वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या 104 है।

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2014 में मोदी चुनाव जीत कर पीएम बने
वाराणसी लोकसभा सीट पर 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से नरेंद्र मोदी चुनाव लड़े और जीत कर देश के प्रधानमंत्री बने। नरेंद्र मोदी को इस चुनाव में कुल 5 लाख 81 हज़ार 22 वोट मिले। वहीं दूसरे नंबर पर उनके खिलाफ चुनाव लड़े रहे आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल रहे। केजरीवाल को कुल 2 लाख 9 हज़ार 238 वोट मिले।  तीसरे नंबर पर कांग्रेस से अजय राय रहे। अजय राय को कुल 75 हज़ार 614 वोट मिले।

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2009 में मुरली मनोहर जोशी ने जीत हासिल की
2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से चुनाव लड़ रहे मुरली मनोहर जोशी यहां से चुनाव जीत कर संसद पहुंचे। मुरली मनोहर को कुल  2 लाख 3 हज़ार 122 वोट मिले। दूसरे नंबर पर बसपा से चुनाव लड़ रहे मुख्तार अंसारी रहे। मुख्तार अंसारी को कुल 1 लाख 85 हज़ार 911 वोट मिले। तीसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ रहे अजय राय रहे। अजय राय को कुल 1 लाख 23 हज़ार 874 वोट मिले।

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2004 में कांग्रेस प्रत्याशी विजयी रहा
2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से राजेश कुमार मिश्रा चुनाव जीत कर संसद पहुंचे।  राजेश को कुल 2 लाख 6 हज़ार 904 वोट मिले। दूसरे नंबर पर बीजेपी के शकंर प्रसाद जायसवाल रहे। शंकर प्रसाद को कुल 1 लाख 49 हज़ार 468 वोट मिले। तीसरे नंबर पर अपना दल के अतहर जमाल लारी रहे। अतहर जमाल को कुल 93 हज़ार 228 वोट मिले।

 

 

 

 

 

 

 

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