Edited By Pooja Gill,Updated: 15 Aug, 2023 10:36 AM
Independence Day: देशभर में आज आजादी का 77वां महापर्व मनाया जा रहा है। देश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में भी आजादी का महापर्व मनाया जा रहा है। इस खास अवसर पर सभी देशवासी तिरंगा फहरा रहे है और अपने महान स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर रहे...
Independence Day: देशभर में आज आजादी का 77वां महापर्व मनाया जा रहा है। देश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में भी आजादी का महापर्व मनाया जा रहा है। इस खास अवसर पर सभी देशवासी तिरंगा फहरा रहे है और अपने महान स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर रहे है। वहीं प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी प्रमुख मायावती ने देशवासियों को 77वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
आज हमारे देश को आजाद हुए 77 साल पूरे हो चुके हैं। हर कोई आज देशभक्ति के रंग में रंगा हुआ है।15 अगस्त का दिन हर भारतीय के लिए हर्ष और उल्लास का दिन है।15 अगस्त साल 1947 को हमारा देश आजाद हुआ था। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लोगों के दिलों में एक अलग ही देशभक्ति की भावना जागती है। इस खास मौके पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी है।
मायावती ने दी शुभकामनाएं
बीएसपी प्रमुख मायावती ने अपने ट्वीट कर लिखा 'देश व दुनिया भर में रहने वाले सभी भारतीय भाई-बहनों को आज 77वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। हर कोई पेट पालने और अपना व अपने परिवार का जीवन बेहतर बनाने में व्यस्त। ऐसे में सरकार की ओर से उन्हें शान्ति, सद्भाव, तनावमुक्त व सुविधायुक्त जीवन देना अति-आवश्यक।'
अभिशप्त जीवन से लोगों की मुक्ति अब बहुत जरूरी हैः मायावती
वहीं मायावती ने बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को आदर्श बताते हुए लिखा 'भारत खासकर परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के अति मानवतावादी संविधान को लेकर आदर्श दुनिया में आज भी एक आदर्श मिसाल है, किन्तु अपार गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ापन, अमीर-गरीब के बीच आय की जबरदस्त खाई व रुपए के अवमूल्यन आदि के अभिशप्त जीवन से लोगों की मुक्ति अब बहुत जरूरी है।'
आर्थिक लोकतंत्र भी जमीनी स्तर पर कायम होः मायावती
इसके अलावा उन्होंने कहा कि देश की लगभग 140 करोड़ गरीब व मेहनतकश जनता के लिए स्वतंत्रता की सही स्थापना तथा उसका समुचित लाभ तभी संभव जब संविधान की पवित्र मंशा के अनुसार देश में केवल राजनीतिक लोकतंत्र ही नहीं बल्कि सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र भी जमीनी स्तर पर कायम हो, जैसा कि बाबा साहेब की असली मंशा थी।