Edited By Deepika Rajput,Updated: 12 Jan, 2019 02:05 PM
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में दशकों की दुश्मनी महीनों में खत्म हो गई है। मोदी लहर को रोकने के लिए समाजवादी पार्टी और बसपा का गठबंधन हो गया है।
लखनऊ: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में दशकों की दुश्मनी महीनों में खत्म हो गई है। मोदी लहर को रोकने के लिए समाजवादी पार्टी और बसपा का गठबंधन हो गया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और बसपा (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने आज ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस (Joint press conference) कर इसकी जानकारी दी। दोनों पार्टियां 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी।
इस दौरान मायावती ने गेस्ट हाउस कांड का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 1993 में कांशीराम और मुलायम सिंह के संयुक्त अगुवाई में चुनाव लड़ा जा चुका है, लेकिन कुछ कारणों से गठबंधन नहीं चला। अब देश हित के लिए गेस्ट हाउस कांड (Guest house scandal) को भुलाकर इस प्रकार का गठबंधन जरूरी है। क्या आप जानते हैं कि गेस्ट हाउस कांड क्या है? अगर नहीं तो चलिए इस खबर के जरिए मामले पर प्रकाश डालते हैं।
क्या है Guest house scandal?
ज्ञात हो कि, बाबरी विध्वंस के बाद 1993 में मुलायम सिंह यादव और बसपा अध्यक्ष कांशीराम ने बीजेपी को रोकने के लिए गठबंधन किया जिसमें उन्हें जनता का पूरा समर्थन मिला। मुलायम सिंह के नेतृत्व में गठबंधन की सरकार बनी, लेकिन इसके बाद एक रैली में मायावती ने सपा से गठबंधन वापसी की घोषणा कर दी। 2 जून 1995, को मायावती, विधायकों के साथ लखनऊ के मीराबाई गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 1 में थीं। अचानक सपा समर्थक गेस्ट हाउस में घुस आए। समर्थकों ने मायावती से अभद्रता की, अपशब्द कहे।
खुद को बचाने के लिए मायावती ने अपने आप को कमरे में बंद कर लिया था। चश्मदीदों के मुताबिक, वे सिर्फ खड़े हुए सिगरेट फूंक रहे थे। इस कांड के बाद तत्कालीन मुलायम सरकार को बर्खास्त कर दिया गया था। मायावती के जीवन पर लिखी पत्रकार अजय बोस की किताब 'बहन जी' में भी इस कांड का जिक्र है।