Edited By Anil Kapoor,Updated: 30 Nov, 2018 12:56 PM
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में एक घड़ी कांड सामने आया है। मामला सदर थाने से जुड़ा है। सदर थाने में गबन और दस्तावेजों की हेराफेरी के साथ-साथ धोखाधड़ी का एक मुकद्दमा दर्ज हुआ। मुकद्दमे में नामजद लोगों से पुलिस की डीलिंग होती है।
आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में एक घड़ी कांड सामने आया है। मामला सदर थाने से जुड़ा है। सदर थाने में गबन और दस्तावेजों की हेराफेरी के साथ-साथ धोखाधड़ी का एक मुकद्दमा दर्ज हुआ। मुकद्दमे में नामजद लोगों से पुलिस की डीलिंग होती है। डीलिंग में पुलिस 5 लाख रुपए की रिश्वत मांगने के साथ मुकद्दमे में फाइनल रिपोर्ट लगाने के लिए प्रयास करती है।
मुकद्दमे में आरोपियों को बार-बार सदर थाने बुलाया जाता है। तत्कालीन इंस्पेक्टर सदर नवरत्न गौतम, उनके कारखास और दारोगा कृपानंदन शर्मा द्वारा मुकद्दमे में आरोपियों से 5 लाख रुपए की रिश्वत मांगी जाती है और जब आरोपी रिश्वत देने में असमर्थता जताता है तो फिर पुलिस का इमान चंद रुपए में फिसल जाता है। यानी तत्कालीन इंस्पेक्टर नवरत्न गौतम, दारोगा कृपानंदन शर्मा, कारखास शंभू पांडे और अन्य पुलिसकर्मी थाने पर मौजूद मुकद्दमे के आरोपी के हाथ में मौजूद विदेशी ब्रांडेड घड़ी को उतरवा लेते हैं।
इस बात की शिकायत पीड़ित तत्कालीन एसपी सिटी कुंवर अनुपम सिंह से लिखित में करता है। बाकायदा तत्कालीन एसपी सिटी कुंवर अनुपम सिंह जांच कराते हैं और जांच में तत्कालीन इंस्पेक्टर सदर नवरत्न गौतम, वर्तमान सदर थाने के इंस्पेक्टर नरेंद्र कुमार कारखास, सिपाही शंभू पांडे और दारोगा कृपा नंदन शर्मा को आरोपी ठहराया जाता है और यह जांच रिपोर्ट जिले के पुलिस कप्तान के पास में जाती है जिसमें जिले के पुलिस कप्तान लिखित में घड़ी वापस करने का आदेश भी जारी करते हैं।
मजेदार बात यह है कि पुलिस पीड़ित की घड़ी तो वापस कर देती है मगर अभी तक उन पुलिसकर्मियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई जिन लोगों ने 5 लाख रुपए की रिश्वत मांगी। वहीं घड़ी वापस करने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। साथ ही साथ एसएसपी आगरा का वह आदेश जिसमें घड़ी वापस करने का किया गया ऑर्डर भी वायरल हो रहा है।