Edited By Ajay kumar,Updated: 17 Mar, 2020 05:22 PM
कोरोना वायरस के खतरे काे संज्ञान में लेते हुए हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। वहीं न्यायालय ने इस पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।
लखनऊ: कोरोना वायरस के खतरे काे संज्ञान में लेते हुए हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। वहीं न्यायालय ने इस पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। वहीं न्यायालय ने प्रदेश सरकार से कहा है कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए क्या तैयारी है। साथ हीं काेर्ट ने आदेश भी दिया कि यदि सरकार से जवाब नहीं मिला तो प्रमुख सचिव स्वास्थ्य व सम्बंधित मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को कोर्ट के समक्ष हाजिर होना होगा।
बता दें कि यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की खंडपीठ ने संदीप कुमार ओझा व एक अन्य की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया। न्यायालय ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि इस सम्बंध में केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए। याचिका में एयरपोर्ट पर विभिन्न उपाय किये जाने की मांग की गई है, साथ ही एसजीपीजीआई, केजीएमयू, लोहिया, सिविल, लोकबंधु व बलरामपुर व जिलों के सरकारी अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाने की मांग की गई है।
याचिका में पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट व एन95 मास्क की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की भी मांग की गई है। याचिका में सरकार को यह स्पष्ट करने के निर्देश देने की भी मांग की गई है कि मरीजों की वास्तविक संख्या क्या है। न्यायालय राज्य सरकार की ओर से मामले पर आए से संतुष्ट नहीं हुई। अगली सुनवाई की तारीख कोर्ट ने मंगलवा को निश्चित की है।