Edited By Mamta Yadav,Updated: 15 Nov, 2024 12:46 AM
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में किसानों को इस बार गेहूं की बुवाई के दौरान खाद की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। खासकर डीएपी का क्योंकि सरकारी खाद सेंटरों पर किसानों को जरूरत के मुताबिक न तो मिल पा रही है न डीएपी जिससे किसानों में गहरी निराशा...
Hardoi News, (मनोज): उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में किसानों को इस बार गेहूं की बुवाई के दौरान खाद की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। खासकर डीएपी का क्योंकि सरकारी खाद सेंटरों पर किसानों को जरूरत के मुताबिक न तो मिल पा रही है न डीएपी जिससे किसानों में गहरी निराशा और आक्रोश व्याप्त है। किसानों का आरोप है कि उन्हें खाद नहीं दी जा रही बल्कि बिचौलियों को बेची जा रही है, जिससे वे बाजार से महंगे दामों पर खाद खरीदने को मजबूर हैं। वहीं जिला प्रशासन का दावा है कि व्यवस्थित व्यवस्था हो रही है कुछ समस्या है जिसको भी ठीक किया जा रहा है, खाद कम आती है किसान ज्यादा आ रहे तो समस्या बन रही पर निस्तारण किया जा रहा है।
जिले में इस समय धान कटाई बड़े जोरों पर है और इसी समय सरसों व गेंहू की बुआई भी की जानी है, ऐसे में किसानों को डीएपी व खाद की अति आवश्यकता है। हालांकि जिला प्रशासन ने पहले भी दावे किए थे कि समुचित मात्रा में खाद उपलब्ध है पर किसानों को खाद के लिए घण्टों लाइन में लगना पड़ता है और लिहाजा धक्का-मुक्की के बाद भी निराशा हाथ लग रही है जिससे किसान परेशान है। किसानों के अनुसार सहकारी समितियों पर चल रही कर्मचारियों की हड़ताल भी समस्या को और गंभीर बना रही है। इस स्थिति में कई किसानों ने समय पर खाद न मिलने के कारण बिना डीएपी खाद के ही बुवाई कर दी है, जिससे फसल उत्पादन में गिरावट का खतरा बढ़ गया है। कृषि विभाग के अधिकारियों के इन दावों के बावजूद कि केंद्रों पर खाद की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है, किसानों को इस वक्त भी खाद लेने के लिए लंबी कतारों में लगना पड़ रहा है। निजी दुकानों पर खाद ऊंचे दामों पर बेची जा रही है और सीमित आर्थिक संसाधनों के बीच किसानों के लिए इसे खरीदना मुश्किल साबित हो रहा है।
इस बीच, जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने बताया कि खाद की उपलब्धता को लेकर प्रशासन सजग है। उन्होंने कहा, "जिले के सभी 72 सरकारी केंद्रों पर खाद वितरण सुचारू रूप से चल रहा है। डीएपी की कमी के कारण कुछ समस्याएं सामने आई थीं, लेकिन प्रशासन की कोशिश है कि सभी किसानों को खाद उपलब्ध हो सके।" डीएम ने यह भी चेतावनी दी कि यदि कोई कर्मचारी किसानों के साथ धोखाधड़ी या परेशान करने का दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। फिलहाल किसानों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि वे निजी दुकानों पर भी निगरानी रखें ताकि उर्वरक की कीमतों पर नियंत्रण हो सके।