Edited By Anil Kapoor,Updated: 09 Feb, 2021 02:41 PM
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में रिश्वतखोरी से तंग आकर आत्महत्या का प्रयास करने का मामला सामने आया है। जहां एक दिव्यांग ने घाटमपुर तहसील में बीते सोमवार की दोपहर को ब्लेड से हाथ की नस काटकर जान देने की कोशिश की। दिव्यांग ने दफ्तर में कार्यरत बाबू...
कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में रिश्वतखोरी से तंग आकर आत्महत्या का प्रयास करने का मामला सामने आया है। जहां एक दिव्यांग ने घाटमपुर तहसील में बीते सोमवार की दोपहर को ब्लेड से हाथ की नस काटकर जान देने की कोशिश की। दिव्यांग ने दफ्तर में कार्यरत बाबू पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया और उससे त्रस्त होकर ही जान देने की बात कही।
जानकारी मुताबिक थाना कल्याणपुर के छोटा लखनपुर निवासी दिव्यांग अरुण श्रीवास्तव के पिता राम निरंजन श्रीवास्तव तहसील में राजस्व संग्रह अमीन के पद पर काम करते थे। माता-पिता की मौत के बाद नियमत: बेसहारा दिव्यांग पुत्र को पारिवारिक पेंशन का लाभ मिलने की जानकारी होने पर उसने आवेदन किया था। दिव्यांग ने आरोप लगाया कि तैयार हुई फाइल 2017 से कलक्ट्रेट व तहसील के बीच घूम रही है। संबंधित अधिकारी व बाबू 3 साल से अरुण को टहला रहे थे।
बता दें कि बीते सोमवार की दोपहर अरुण पुत्री अरुणिमा के साथ दफ्तर पहुंचे। वहां उन्होंने बाबू पर 10 हजार रुपए लेने के बाद भी परेशान करने का आरोप लगाना शुरू कर दिया और ब्लेड से एक हाथ की नस काट ली। इसके बाद उन्होंने गला काटने की भी धमकी दी। इस दौरान तहसीलदार ने उसे किसी तरह समझाबुझाकर शांत कराया।
इसके बाद यह मामला तहसीलदार तक पहुंचा। तहसीलदार ने कार्रवाई का भरोसा देकर मामले को शांत करवाया। जब उन्होंने बाबू को बुलवाकर पूछा तो उसने फिर से सारे आरोप दोहराए। वहीं तहसीलदार विनीत कुमार ने बताया कि प्रमाण पत्र मांगे जाने के चलते फाइल लौटकर आई थी। फाइल माल बाबू ने भेजी नहीं थी, जिसे लेकर वह नाराज था। अब फाइल तैयार कराकर कलक्ट्रेट भेज दी गई है।