UP विधानपरिषद चुनाव में शनिवार को सपा-भाजपा में सीधा मुकाबला, 12 अप्रैल को मतगणना

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 08 Apr, 2022 03:22 PM

direct contest between sp bjp in up legislative council elections

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में दो तिहाई बहुमत हासिल करने के बाद भाजपा की नजर विधानपरिषद की 36 सीट पर शनिवार को होने वाले चुनाव में भी यही उपलब्धि दोहराने पर है। चुनाव में सपा और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में दो तिहाई बहुमत हासिल करने के बाद भाजपा की नजर विधानपरिषद की 36 सीट पर शनिवार को होने वाले चुनाव में भी यही उपलब्धि दोहराने पर है। चुनाव में सपा और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है, क्योंकि कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने विधानपरिषद चुनाव में कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। हालांकि कुछ निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं। मतों की गिनती 12 अप्रैल को होगी। उत्तर प्रदेश के उच्च सदन की 36 सीट 35 स्थानीय अधिकारियों के निर्वाचन क्षेत्रों में फैली हुई हैं, जहां द्विवार्षिक चुनाव पहले दो अलग-अलग तारीखों पर किए गए थे, लेकिन अब यह 9 अप्रैल को एक साथ आयोजित किया जाएगा।

एक अप्रैल को पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा था, ‘‘प्रदेश में 36 सीट पर विधानपरिषद के चुनाव वर्तमान में हो रहे हैं। उनमें से नौ सीट पर भाजपा निर्विरोध जीत चुकी है। अगर ये सभी 36 सीट भाजपा जीतती है तो मानकर चलिये कि भाजपा के पास विधानपरिषद में दो-तिहाई से अधिक सदस्य होंगे।'' उन्होंने कहा कि विधानसभा के बाद विधानपरिषद में भी दो-तिहाई से अधिक बहुमत के कारण भाजपा को प्रदेश में विकास कार्यों को आगे बढ़ाने और गरीबों के कल्याण की योजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने में किसी भी प्रकार का व्यवधान नहीं रहेगा। इसलिये हमारे इन सभी 36 सीट पर चुनाव जीतना बेहद महत्वपूर्ण है।

आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि आदित्यनाथ, जो गोरखपुर शहरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी हैं, शनिवार को गोरखपुर में नगर निगम के मतदान केंद्र पर अपना वोट डालेंगे। स्थानीय प्रशासनिक क्षेत्र के विधानपरिषद चुनाव में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, खंड विकास परिषदों के अध्यक्ष एवं सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष और नगरीय निकायों के पार्षद मतदाता होते हैं। इसके अलावा विधायक और सांसद भी इस चुनाव में वोट डालते हैं। प्रदेश की 100 सदस्यीय विधानपरिषद में इस समय भाजपा के 35 सदस्य हैं, जबकि सपा के 17, बसपा के चार तथा कांग्रेस, अपना दल निषाद पार्टी और निर्दल समूह का एक-एक सदस्य है। शिक्षक दल के दो सदस्य हैं, जबकि एक निर्दलीय सदस्य है।

राज्य विधानपरिषद की 36 सीट पिछली सात मार्च को संबंधित सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने के कारण रिक्त हो गई थीं। सदन में 37वीं सीट नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन के निधन की वजह से खाली हुई है। भाजपा द्वारा मैदान में उतारे गए 36 उम्मीदवारों में से पांच समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता हैं, जो फरवरी-मार्च राज्य चुनावों की पूर्व संध्या पर भगवा खेमे में शामिल हुए थे। यह नेता हैं - सुल्तानपुर स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्र से शैलेंद्र प्रताप सिंह, गोरखपुर-महाराजगंज स्थानीय प्राधिकरण से सीपी चंद, बलिया स्थानीय अधिकारियों से रविशंकर सिंह 'पप्पू', झांसी-जालौन-ललितपुर स्थानीय प्राधिकरण से राम निरंजन और बुलंदशहर स्थानीय प्राधिकरण से नरेंद्र भाटी।

रविशंकर सिंह पप्पू पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पोते हैं। मेरठ-गाजियाबाद और बुलंदशहर सीट को छोड़कर, जो उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल के लिए छोड़ी गई है, समाजवादी पार्टी ने शेष सभी 34 सीट पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। टिकट पाने वालों में देवरिया से डॉ. कफील खान, रामपुर-बरेली से मशकूर अहमद, लखनऊ-उन्नाव, बाराबंकी और मथुरा-एटा-मैनपुरी सीट से क्रमश: सुनील कुमार साजन, राजेश कुमार और उदयवीर सिंह शामिल हैं।

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