Edited By Ajay kumar,Updated: 02 Aug, 2022 05:57 PM
जिले में अपने बच्चों का सरकारी स्कूल में एडमिशन करवाने के लिए एक दलित परिवार दर-दर भटकने को मजबूर है। बच्चों के अभिवावकों ने स्कूल के प्रधानाध्यापक पर दलित समाज के होने की वजह से एडमिशन न करने का गंभीर आरोप लगाया है और बीएसए कार्यालय के चक्कर काट...
हरदोईः जिले में अपने बच्चों का सरकारी स्कूल में एडमिशन करवाने के लिए एक दलित परिवार दर-दर भटकने को मजबूर है। बच्चों के अभिवावकों ने स्कूल के प्रधानाध्यापक पर दलित समाज के होने की वजह से एडमिशन न करने का गंभीर आरोप लगाया है और बीएसए कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं।
हरदोई के भरखनी विकास खण्ड के ग्राम चठिया की निवासी पिंकी पत्नी हीरालाल अपने बच्चों का कूड़ी पचदेवरा प्राथमिक विद्यालय में एडमिशन करवाने के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है। बीएसए के पास अपनी फरियाद लेकर पहुंची बच्चों की माँ ने विद्यालय के प्रधानाचार्य नरेंद्र पर दलित जाति के होने की वजह से एडमिशन न करने व जातिसूचक गालियां देकर स्कूल से भगाने के गंभीर आरोप लगाए हैं।
पीड़िता ने बताया कि वह एक गरीब परिवार से है और उनका पति मज़दूरी करता है। कोरोना के समय में बच्चों का नाम कट गया था लेकिन अब स्कूल दोबारा खुलने के बाद अपनी बेटी व बेटे को अच्छी शिक्षा देकर कुछ बनाने के लिए सरकारी विद्यालय में पढ़ाना चाहती है। जिसको लेकर कूड़ी पचदेवरा प्राथमिक विद्यालय में एडमिशन को लेकर दो माह से दौड़ रही है लेकिन एडमिशन नहीं हो रहा है।
आरोप है कि आज विद्यालय के प्रधानाचार्य से एडमिशन के सम्बंध में मिलने गए तो प्रधानाचार्य ने जातिसूचक शब्दों से उसको अपमानित करके भगा दिया। बच्चों की माँ ने इसकी शिकायत बेसिक शिक्षा अधिकारी, पुलिस अधीक्षक व जिलाधिकारी से की है। वहीं इस मामले को लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि खण्ड शिक्षाधिकारी ने कल नाम लिखाने की बात कही है। इसके साथ ही इसमें जो भी दोषी होगा कार्यवाई की जाएगी।