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सीएम योगी बोले-  संभल का उल्लेख इस्लाम से भी पहले के ग्रंथों में है, मंदिर को 1526 में नष्ट कर दिया गया था

Edited By Ramkesh,Updated: 12 Mar, 2025 03:37 PM

cm yogi said sambhal is mentioned in texts even before islam

संभल में मस्जिद विवाद के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि संभल का उल्लेख 5,000 साल पुराने शास्त्रों में है और यह इस्लाम से पहले का है। आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि संभल में श्री हरि विष्णु मंदिर को 1526 में नष्ट कर...

लखनऊ: संभल में मस्जिद विवाद के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि संभल का उल्लेख 5,000 साल पुराने शास्त्रों में है और यह इस्लाम से पहले का है। आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि संभल में श्री हरि विष्णु मंदिर को 1526 में नष्ट कर दिया गया था। उन्होंने कहा, “संभल का उल्लेख 5,000 साल पुराने ग्रंथों में किया गया है। उनमें भगवान विष्णु के भावी अवतार का उल्लेख है। दूसरी ओर, इस्लाम का उदय केवल 1,400 साल पहले हुआ। मैं ऐसी चीज़ की बात कर रहा हूं जो इस्लाम से कम से कम 2,000 साल पुरानी है।

अयोध्या में राम मंदिर को तोड़ा गया
मुख्यमंत्री ने कहा, “ इन बातों के सबूत सदियों से मौजूद हैं। याद कीजिए, 1526 में संभल में भगवान विष्णु का मंदिर तोड़ा गया था। दो साल बाद, 1528 में अयोध्या में राम मंदिर को भी तोड़ दिया गया था।” आरएसएस से जुड़ी साप्ताहिक पत्रिका ‘ऑर्गनाइजर' द्वारा लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम 'मंथन: कुंभ और उसके आगे' में बोलते हुए उन्होंने कहा कि दोनों कृत्य एक ही व्यक्ति द्वारा किए गए थे। आदित्यनाथ ने कहा कि दुनिया में हर धर्म और पूजा पद्धति में कुछ अच्छे गुण होते हैं।

आस्था को जबरन छीनना और उनकी मान्यताओं को कुचलना अस्वीकार्य
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि किसी की आस्था को जबरन छीनना और उनकी मान्यताओं को कुचलना अस्वीकार्य है - "खासकर जब हम संभल के बारे में सच्चाई जानते हैं।" संभल में पिछले नवंबर में अदालत के आदेश के बाद एक मस्जिद के सर्वेक्षण के कारण तनाव बना हुआ है। कुछ लोगों का दावा ​है कि यह मस्जिद एक ध्वस्त मंदिर पर बनाई गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संभल एक "ऐतिहासिक सत्य" का प्रतिनिधित्व करता है, और उन्होंने हमेशा इसके बारे में खुलकर बात की है। उन्होंने कहा, "मैं योगी हूं। मैं हर संप्रदाय, समुदाय और पूजा पद्धति का सम्मान करता हूं।

भारत की वैदिक परंपरा की भावना
अगर आप गोरखनाथ पीठ जाएं, तो आप देखेंगे कि वहां किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं है। सभी जाति, क्षेत्र और संप्रदाय के लोग एक साथ बैठकर एक ही थाली में भोजन करते हैं। हमारे पूज्य संत, चाहे वे किसी भी धर्म से जुड़े हों, एक साथ बैठकर भोजन करते हैं और उन्हें समान सम्मान मिलता है।" मुख्यमंत्री ने कहा, "इसलिए मैं कहता हूं कि भारत की वैदिक परंपरा की भावना, जैसा कि उपनिषदों में व्यक्त किया गया है, हमारे अंदर गहराई से समाहित है।

पहले धर्मग्रंथों को पढ़ना चाहिए फिर
पूजा की हर पद्धति, चाहे वह सनातन धर्म से जुड़ी हो या दुनिया के किसी भी अन्य धर्म से, उसमें कुछ अंतर्निहित अच्छाइयां होती हैं, यही वजह है कि इतने सारे लोग उनका पालन करते हैं।” विपक्षी दलों और आलोचकों की ओर इशारा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, "इन लोगों को पहले धर्मग्रंथों को पढ़ना चाहिए, उसके बाद ही मुझे उन पर बहस करने की चुनौती देनी चाहिए।

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