Edited By Deepika Rajput,Updated: 20 Dec, 2018 11:57 AM
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में 11 साल पुराने एनकाउंटर के मामले में सीजेएम कोर्ट ने 11 पुलिसकर्मियों को आईपीसी की धारा 302 के तहत दोषी मानते हुए कोर्ट में तलब किया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है।
मुजफ्फरनगरः उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में 11 साल पुराने एनकाउंटर मामले में सीजेएम कोर्ट ने 11 पुलिसकर्मियों को आईपीसी की धारा 302 के तहत दोषी मानते हुए कोर्ट में तलब किया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है।
एनकाउंटर में मारे गए अमजद की मां अख्तरी की मानें तो 1 फरवरी, 2007 की देर रात 11 बजे 11 पुलिसवालों ने पूछताछ के लिए उनके बेटे को घर से उठा लिया था। बाद में जब वह थाना रतनपुरी अपने बेटे से मिलने पहुंची तो पुलिसकर्मियों द्वारा उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया। इतना ही नहीं उनको थाने से भगा दिया गया था। इसके बाद उन्हें बेटे की लाश पोस्टमार्टम हाउस में मिली।
वादी पक्ष के अधिवक्ता फैजियाब खान के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, सीजेएम ने 11 पुलिसकर्मियों को अमजद की हत्या का दोषी माना है। कोर्ट ने सभी पुलिसकर्मियों को 25 जनवरी, 2019 में तलब किया है। फैजियाब का कहना है कि इस मामले में पहले ही हमने हत्या की आशंका जताते हुए कोर्ट में पिटीशन डाली थी, जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मुकदमा दर्ज किया था।
डॉ. प्रवीन कुमार, कांस्टेबल मीर हसन, दारोगा अमीर सिंह, कांस्टेबल ब्रजपाल सिंह, कांस्टेबल सोहनवीर सिंह, दारोगा इकबालुज्जमा खां, दारोगा सुधीर पाल धामा, कांस्टेबल नसीम अहमद, कांस्टेबल अशोक कुमार, कांस्टेबल मेगादीन सिंह और चालक कांस्टेबल जसवीर सिंह को कोर्ट ने तलब किया है। खास बात ये है कि डॉ. परवीन की कई वर्ष पूर्व मुरादाबाद में हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है, जबकि मीर हसन और नसीम दारोगा बन गए हैं।