Edited By Ramkesh,Updated: 22 Jul, 2023 07:41 PM
उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटों पर जीत के लिए भाजपा अपनी रणनीति तैयार कर रही है। जिताऊ प्रत्याशियों को हर पार्टी चुनाव मैदान में उताराना चाहती है। इसी क्रम में बात हम कानपुर महानगर की करे तो यहां से चुनाव लड़ने के लिए कई नेता अभी से मशक्कत कर रहे...
कानपुर: उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटों पर जीत के लिए भाजपा अपनी रणनीति तैयार कर रही है। जिताऊ प्रत्याशियों को हर पार्टी चुनाव मैदान में उताराना चाहती है। इसी क्रम में बात हम कानपुर महानगर की करे तो यहां से चुनाव लड़ने के लिए कई नेता अभी से मशक्कत कर रहे हैं। लेकिन, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक इन सबसे आगे हैं। हालांकि पार्टी में गुटबाजी की वजह से एक दूसरे नेता पार्टी में अपने अपने को टिकट दिलाने की कोशिश में लगे है। वर्तमान सांसद सत्यदेव पचौरी का टिकट कटना लगभग तय माना जा रहा है। वैसे भी उनकी उम्र 75 साल के पार हो चुकी है और भाजपा की पॉलिसी के हिसाब से 75 साल से ज्यादा उम्र के नेता चुनाव नहीं लड़ सकते।
बता दें कि सतीश महाना छावनी और महाराजपुर सीट से 8वीं बार विधायक रहे हैं। प्रदेश में साल 2017 से 22 के कार्यकाल में औद्योगिक विकास मंत्री बने थे। लेकिन, इस कार्यकाल में उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाकर उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बना दिया गया। जबकि सूत्रों के मुताबिक, सतीश महाना इस पद के लिए राजी नहीं थे। अब राजनीतिक पावर वापस पाने के लिए वह लोकसभा का राह देख रहे हैं।
फिलहाल डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक पिछले 6 महीनों से काफी सक्रिय रहे हैं। उन्होंने हर महीने में कई बार शहर का दौरा किया। इसके बाद विकास कार्यों की बैठक में भी शामिल हुए। जून महीने में भाजपा के महा जनसंपर्क अभियान के तहत उन्होंने तीन दौरे किए। विकास भवन में विकास कार्यों की बैठक भी 2 बार ले चुके हैं। वह स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी कानपुर में काफी सक्रिय रहे हैं। फिलहाल समय ही तय करेगा कि पार्टी किसे टिकट देती है।