बिना अनुमति नसबंदी मामले में बड़ा एक्शन,  KGMU के पूर्व कुलपति सहित चार डॉक्टरों पर FIR दर्ज

Edited By Ramkesh,Updated: 16 Jun, 2025 03:27 PM

big action in sterilization case without permission fir registered

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) और क्वीन मैरी अस्पताल के चार डॉक्टरों के खिलाफ गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। बिना लिखित अनुमति के महिला की नसबंदी करने और इलाज के दौरान नवजात की मृत्यु होने के मामले में...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) और क्वीन मैरी अस्पताल के चार डॉक्टरों के खिलाफ गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। बिना लिखित अनुमति के महिला की नसबंदी करने और इलाज के दौरान नवजात की मृत्यु होने के मामले में कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई है।

हरदोई के परिवार की याचिका पर कोर्ट का संज्ञान
यह कार्रवाई हरदोई जिले के निवासी हेमवती नंदन की ओर से दायर शिकायत पर हुई। शिकायतकर्ता का आरोप है कि 4 अक्टूबर 2022 को उनकी पत्नी को प्रसव के लिए क्वीन मैरी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस दौरान डॉक्टरों ने बिना परिवार की सहमति के नसबंदी की प्रक्रिया कर दी। परिवार ने पहले ही लिखित रूप में नसबंदी के लिए मना किया था, इसके बावजूद यह प्रक्रिया की गई। इलाज के दौरान नवजात शिशु की मौत भी हो गई, जिससे परिवार सदमे में है। इस मामले में इंसाफ की गुहार लेकर पीड़ित परिवार ने अदालत का रुख किया था।

इन डॉक्टरों के खिलाफ नामजद केस
अदालत के आदेश पर लखनऊ के चौक कोतवाली में केजीएमयू के तत्कालीन कुलपति समेत क्वीन मैरी अस्पताल की डॉक्टर अमिता पांडे, मोनिका अग्रवाल, निदा खान और डॉक्टर शिवानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

चिकित्सा प्रणाली पर सवाल
यह मामला न केवल चिकित्सकीय लापरवाही का गंभीर उदाहरण है, बल्कि मरीज की सहमति के अधिकार और चिकित्सा नैतिकता को लेकर भी सवाल खड़े करता है। मामले की जांच अब पुलिस के साथ-साथ स्वास्थ्य प्रशासन के लिए भी एक चुनौती बन सकती है।


 

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