Edited By Imran,Updated: 28 May, 2025 12:40 PM

यूपी के बदायूं कोर्ट ने चचेरी बहन के साथ दुराचार करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुना दी है। इसके साथ ही आरोपी पर 20 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है।
बदायूं: यूपी के बदायूं कोर्ट ने चचेरी बहन के साथ दुराचार करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुना दी है। इसके साथ ही आरोपी पर 20 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है।
बता दें कि युवक अपनी चचेरी बहन को बताया था कि शादी में चलना है, जिसके लिए वह तैयार हो गई। आरोपी दिल्ली से उसको बरेली के एक घर में ले गया जहां उसने लड़की के साथ जबरन संबंध बनाने की कोशिश की और उसके साथ मारपीट की। इतना ही नहीं उसको जिंदा जलाने की कोशिश भी की। अपनी मृत्यु से पहले दिए गए बयान में लड़की ने खुलासा किया था कि शादाब खान (अब 40 वर्ष) ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया।
उस वक्त लड़की नाबालिग थी!
पीड़िता की मौत के बाद परिजनों का कहना है कि घटना के समय वह 17 साल की थी यह खुलासा होने के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की अपहरण की धारा और पोक्सो अधिनियम की धारा 4 (यौन उत्पीड़न के लिए दंड) के तहत केस दर्ज किया। हालांकि, अभियोजन पक्ष बाद में लड़की की उम्र साबित करने में विफल रहा, इसलिए अपहरण और पोक्सो अधिनियम की धाराओं को हटा दिया गया। शादाब खान को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत दोषी ठहराया गया।
लड़की की मेडिकल जांच भी नहीं हो सकी
इस मामले को लेकर सरकारी वकील राजीव तिवारी ने जानकारी दी है कि पक्ष लड़की के शैक्षणिक दस्तावेज पेश करने में असफल रहा। क्योंकि वह अशिक्षित थी। वकील ने कहा कि लड़की की मेडिकल जांच भी नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि कुल 10 गवाहों ने कोर्ट में गवाही दी। लड़की का मृत्यु के पहले का बयान आखिरकार मुकदमे के दौरान महत्वपूर्ण साक्ष्य साबित हुआ।
जानिए क्या था पूरा मामला ?
गौतरलब है कि इस घटना को लेकर पीड़िता के भाई ने FIR दर्ज कराया था, जिसमें लिखा था कि लड़की को 3 सितंबर 2013 को बरेली के किला थाने में एक किराए के मकान में ले जाया गया। 24 सितंबर की रात को शादाब खान ने विवाद के बाद अपने परिवार की मदद से उस पर मिट्टी का तेल डाला और उसे आग लगा दी। इसके बाद शादाब उसे गंभीर रूप से जली हुई हालत में जिला अस्पताल ले गया और वहां से भाग गया।