Edited By Ruby,Updated: 14 Sep, 2018 11:06 AM
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश के प्राइमरी विद्यालयों के बच्चो को मुफ्त कॉपी, किताबें और स्कूल ड्रेस समय से दिए जाने संबंधी जनहित याचिका पर राज्य सरकार से जानकारी तलब की है। अदालत ने जानना चाहा है कि इन बच्चों को अनिवार्य शिक्षा...
लखनऊः इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश के प्राइमरी विद्यालयों के बच्चों को मुफ्त कॉपी, किताबें और स्कूल ड्रेस समय से दिए जाने संबंधी जनहित याचिका पर राज्य सरकार से जानकारी तलब की है।
अदालत ने जानना चाहा है कि इन बच्चों को अनिवार्य शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत अब तक सरकार ने कॉपी किताबों और स्कूल ड्रेस के वितरण की क्या व्यवस्था की है। यह आदेश न्यायमूर्ति विक्रमनाथ व न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद दिए हैं।
जनहित याचिका पर पक्ष रखते हुए अधिवक्ता जी सी वर्मा का तर्क था कि प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा दिया जाना उनका मूलभूत अधिकार है। उन्होंने कहा कि इन विद्यालयों में सत्र की शुरुआत के बाद कई महीने बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक इन बच्चों को पूरी तरह से कॉपी , किताबें, स्टेशनरी और ड्रेस आदि मुहैया नहीं हो पाई है।
याचिका में तर्क दिया गया है कि सत्र की शुरुआत में कॉपी, किताबें व ड्रेस के न मिलने से इनकी पढ़ाई बाधित हो रही है। यह भी कहा गया कि 6 से 14 वर्ष के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा दिया जाना उनका मूलभूत अधिकार है। जनहित याचिका में मांग की गई हैं कि सरकार पहले से ऐसी व्यवस्था करे जिससे शिक्षण सत्र शुरू होते ही समय से बच्चों को किताबें, कॉपियां, स्टेशनरी और ड्रेस आदि मिल सके। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर को नियत की है।