Edited By Ruby,Updated: 10 May, 2018 12:44 PM
2019 के आगामी लोकसभा चुनावों में जीत पाने के लिए सभी पार्टीयों ने हाथ पैर मारने शुरू कर दिए हैं। जहां एक ओर सपा-बसपा के गठबंधन से बीजेपी पार्टी में खलबली मची हुई है तो वहीं सपा पार्टी सभी समाजवादियों को एकजुट करने में लगी हुई है। जिसके चलते उन्होंने...
लखनऊः 2019 के आगामी लोकसभा चुनावों में जीत पाने के लिए सभी पार्टीयों ने हाथ पैर मारने शुरू कर दिए हैं। जहां एक ओर सपा-बसपा के गठबंधन से बीजेपी पार्टी में खलबली मची हुई है तो वहीं सपा पार्टी सभी समाजवादियों को एकजुट करने में लगी हुई है। जिसके चलते उन्होंने बुधवार लखनऊ में पार्टी कार्यालय पर महाराणा प्रताप की जयंती मनाते हुए ठाकुर वोटों को साथ लाने की कोशिश की है। अखिलेश की इस कोशिश पर अब कुंडा के बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया ने हमला किया है।
दरअसल राजा भैया ने ट्वीट करते हुए लिखा कि महाराणा को मात्र क्षत्रियों का नेता मानना उनका अपमान है। महाराणा प्रताप तो मां भारती के सच्चे सपूत थे। वे विदेशी आक्रमणकारियों के खिलाफ जमकर लड़े थे।
बता दें कि बुधवार लखनऊ में सपा कार्यालय में महाराणा प्रताप की जयंती पर बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा था कि आज महाराणा प्रताप के जयंती यहां मनाई जा रही है लेकिन उसकी हलचल दूसरी तरफ ज़्यादा है। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप आदर्श वीर पुरुष थे। इतिहास और उसकी धारणा को कोई बदल नही सकता है। अखिलेश यादव ने सपा ऑफ़िस में क्षत्रियों की बड़ी मौजूदगी में कहा हम इस समाज का सम्मान कभी कम नहीं होने देंगे।
उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप ने स्वाभिमान को ज़िंदा रखा, घास की बनी रोटी खाई लेकिन कभी भी मुग़ल साम्राज्य के सामने अपना सिर नहीं झुकाया। हमने उनके सम्मान में छुट्टी घोषित की थी लेकिन इस सरकार ने आते ही छुट्टी रद्द कर दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग जितना रोकेंगे, हम उनका उतना सम्मान करेंगे। हमारी सरकार बनेगी हम फिर छुट्टी घोषित करेंगे। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, परिस्थितियां बदल रही हैं।
गौरतलब है कि राज्य सभा चुनावों के बाद से ही समाजवादी पार्टी और राजा भैया की राहें अलग हो चुकी हैं।