Edited By Nitika,Updated: 28 Jan, 2022 08:38 PM
उत्तराखंड में सियासी उठापटक के बाद शुक्रवार को आखिकरकार कांग्रेस नेता हरीश रावत ने लालकुआं सीट से नामांकन किया। इस दौरान टिकट न मिलने से बागी रूख अख्तियार करने वाले दोनों नेता उनके साथ रहे, हालांकि, संध्या डालाकोटि को वह मना नहीं पाए और उन्होंने...
नैनीतालः उत्तराखंड में सियासी उठापटक के बाद शुक्रवार को आखिकरकार कांग्रेस नेता हरीश रावत ने लालकुआं सीट से नामांकन किया। इस दौरान टिकट न मिलने से बागी रूख अख्तियार करने वाले दोनों नेता उनके साथ रहे, हालांकि, संध्या डालाकोटि को वह मना नहीं पाए और उन्होंने निर्दलीय ताल ठोकी है।
हरीश रावत को पाटर्ी ने पहले उनकी पसंदीदा सीट रामनगर से प्रत्याशी घोषित किया था लेकिन रामनगर, लालकुआं व कालाढूंगी सीट पर भारी बगावत के बाद पार्टी ने इन सीटों पर अपने प्रत्याशियों में बदलाव कर दिया। रावत को रामनगर से लालकुआं भेज दिया गया तथा लालकुआं से घोषित प्रत्याशी संध्या डालाकोटि का टिकट काट दिया गया। रावत गुरुवार रात को हल्द्वानी पहुंचे और उन्होंने टिकट न मिलने से नाराज नेताओं हरेन्द्र बोरा व पूर्व केबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल से बात की। शुक्रवार को दोनों उनके नामांकन के दौरान साथ रहे। कुछ समय पहले भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य भी इस दौरान मौजूद रहे।
माना जाता है कि यशपाल आर्य ने ही बगावत पर उतारू दोनों नेताओं को मनाने में हरीश रावत व पार्टी की मदद की। जब दोनों सहमत हो गये तो हरीश रावत के नाम पर लालकुआं से अंतिम मुहर लगाई गई। रावत गुरुवार रात को पूर्व प्रत्याशी संध्या डालाकोटि से भी मिले और उनसे बंद कमरे में बात की लेकिन वह नहीं मानी और उन्होंने शुक्रवार को निर्दलीय के रूप में नामांकन कर चुनाव मैदान में ताल ठोक दी है।