Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Dec, 2017 02:14 PM
साइबर अपराधियों ने अब लोगों को ठगने के लिए नया तरीका खोज निकाला है। अपराधियों के इन संगठन में कई लड़कियां भी शामिल हैं जिसके कारण लोगों को अपने जाल में फंसाना इनके लिए और आसान हो जा रहा है। ताजा मामला कानपुर का है। जहां एक निजी बैंक के मैनेजर साहब...
लखनऊ, आशीष पाण्डेय: साइबर अपराधियों ने अब लोगों को ठगने के लिए नया तरीका खोज निकाला है। अपराधियों के इन संगठन में कई लड़कियां भी शामिल हैं जिसके कारण लोगों को अपने जाल में फंसाना इनके लिए और आसान हो जा रहा है। ताजा मामला कानपुर का है। जहां एक फाइनेंस कंपनी के मैनेजर साहब इंग्लैंड की गोरी मेम के झांसे में आकर उसका शिकार बन गए।
श्रीराम फाइनेंस में मैनेजर
कानपुर नगर के शिवराजपुर निवासी विमलेश तिवारी श्रीराम फाइनेंस सिटी मकरंदनगर में ब्रांच मैनेजर के पद पर तैनात थे। हाल में उनकी कानपुर देहात की श्रीराम फाइनेंस आफिस में तैनाती हुई है। करीब दो माह पहले कन्नौज ब्रांच में तैनाती के दौरान फेसबुक पर इंग्लैंड की जेसोफिन नाम की युवती से विमलेश तिवारी की दोस्ती हो गई थी। दोनों के बीच चैटिंग होने लगी।
साड़ी के बिजनेस का लालच देकर बुलाया दिल्ली एयरपोर्ट
10 नवंबर को जेसोफिन ने ब्रांच मैनेजर विमलेश तिवारी को बताया कि वो भारत में साड़ियों के व्यापार करना चाहती है। जसोफिन ने विमलेश को अपने बिजनेस में हिस्सेदार बनाने का लालच दे दिया। इसी सिलसिले में उससे मोबाइल से बात शुरू करते हुए 14 नवंबर को दिल्ली एयरपोर्ट में मिलने को कहा।
कस्टम के नाम पर 72 हजार की ठगी
इसी पहले की विमलेश एयरपोर्ट जाते उनके पास जेसोफिन का फोन आया, उसने बताया कि एयपोर्ट पर कस्टम अधिकारी ने उसे पकड़ लिया है। जुर्माना भरने और अन्य काम के नाम पर उसने विमलेश से बुद्धदेवदास नाम के एक खाते में 72 हजार सात सौ रुपये डलवा लिए। इसके बाद युवती ने ब्रांच मैनेजर से कहा कि वह जल्द उसके खाते में 23 लाख रुपये डाल देगी।
रकम मिलते ही बंद हुआ मोबाइल
सप्ताह बाद जब ब्रांच मैनेजर को सभी मोबाइल नंबर बंद मिले तब उसे अपने साथ हुई ठगी का एहसास हुआ। पीड़ित ब्रांच मैनेजर ने कन्नौज सदर कोतवाली में बुद्धदेव नामक खाते के आधार पर मुकदमा दर्ज कराया है। सदर कोतवाल एके सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।