Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Aug, 2017 01:12 PM
बीते दिनों बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में कई दर्जन मासूम असमय ही काल के मुंह में समा गए।
गोरखपुर: बीते दिनों बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में कई दर्जन मासूम असमय ही काल के मुंह में समा गए। इस हादसे में जिन्होंने अपने बच्चों को खोया उनका रो-रोकर बुरा हाल है। मासूमों की मौत पर सभी राजनितिक दल अपनी अपनी रोटियां सेकने में लगे हुए हैं। कोई मेडिकल कॉलेज प्रशासन को दोषी ठहरा रहा है तो कोई प्रदेश सरकार व मंत्रियों को, लेकिन किसी ने भी उन मां-बाप के आंसुओं को पोंछने का काम नहीं किया जिनके नौनिहाल इस लापरवाही का शिकार हुए।
जानकारी के अनुसार ऐसे में प्रदेश सरकार की संवेदनहीनता से कुंठित होकर बिहार गोपालगंज के रहने वाले एक पिता ने भी अपने मासूस को बीते 11 अगस्त को खो दिया था, अभी तक प्रदेश सरकार द्वारा दोषियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई ना करने से आहत मैनेजर राजभर ने उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव स्वस्थ्य, चिकित्सा शिक्षा मंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ गुलहरिया थाने में तहरीर दी है।
बिहार गोपालगंज के ग्राम मोतीपुर हराजी थाना भोरे के रहने वाले मैनेजर राजभर की पत्नी को 7 अगस्त को बेटा पैदा हुआ था। सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था कि अचानक 10 अगस्त को बच्चे की तबियत बिगड़ने लगी। पैसे के अभाव व अच्छी स्वास्थ्य सुविधा के लिए मैनेजर राजभर ने गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कालेज का रुख किया। मेडिकल कॉलेज पहुंचकर मैनेजर ने अपने नवजात शिशु को भर्ती कराया और इलाज भी शुरु हो गया और बच्चा तब तक ठीक था।
11 अगस्त को 9 बजे तक बच्चा ठीक था। जब मैनेजर बच्चे को देखने गए तो बच्चे की सांस चल रही थी। लेकिन कुछ घंटे बाद ही मैनेजर व पत्नी सुनीता को डॉक्टरों ने बुलाया और कहा कि बच्चे की हालत नाजुक है। फिर इसके कुछ मिनटों बाद डॉक्टरों ने ने उन्हें बुलाकर कहा कि आप का बच्चा गुजर गया है।