Edited By ,Updated: 16 May, 2017 01:07 PM
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि प्रदेश में पेट्रोल पंपों में चिप लगाकर आम जनता के साथ घटतौली करने के मामले में अबतक पेट्रोल पंपों और उनके मालिकों पर क्या कार्रवाई की गई।
लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि प्रदेश में पेट्रोल पंपों में चिप लगाकर आम जनता के साथ घटतौली करने के मामले में अबतक पेट्रोल पंपों और उनके मालिकों पर क्या कार्रवाई की गई।
न्यायालय ने इंडियन ऑयल कारपोरेशन समेत सभी विपक्षियों से पूछा है कि शपथ पत्र देकर अदालत को बताएं कि पेट्रोल पंप मालिकों के खिलाफ अभी तक आपराधिक मामले की कार्रवाई की अथवा नहीं। न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति वीरेंद्र कुमार द्वतीय की खंडपीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता डॉक्टर अशोक निगम की ओर से दायर जनहित याचिका पर आज यह आदेश दिए हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता डॉक्टर अशोक निगम ने जनहित याचिका दायर करके कहा कि पेट्रोल पंप मालिकों ने इलेक्ट्रॉनिक चिप लगाकर आम जनता के साथ घटतौली कर सरेआम बहुत बड़ी लूटपाट की। कहा गया कि पेट्रोल पंपों की जांच के दौरान चिप लगाकर कम पेट्रोल देने का मामला सामने आया लेकिन अभी तक सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। इंडियन आयल कारपोरेशन की ओर से उनके वकील ने अदालत को बताया कि पेट्रोल पंप मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
याचिका में मांग की गई है कि पेट्रोल पंप मालिकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाये। कहा गया कि यह आम जनता के साथ किया गया अपराध है। अदालत ने आगामी 22 मई को इस मामले में जवाब मांगते हुए स्पष्ट करने को कहा कि बतायें इस मामले में अबतक क्या करवाई की गई है।