प्राकृतिक खेती पर अगले दो साल में 2,500 करोड़ रुपये खर्च की योगी सरकर, विशेषज्ञ देंगे प्रशिक्षण

Edited By Ramkesh,Updated: 21 Apr, 2025 03:46 PM

yogi government will spend rs 2 500 crore on natural

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार ने अगले दो साल में प्राकृतिक खेती पर 25 अरब रुपये (2,500 करोड़ रुपये) से अधिक खर्च करने की योजना बनाई है। सोमवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। बयान में कहा गया कि बुंदेलखंड और गंगा के...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार ने अगले दो साल में प्राकृतिक खेती पर 25 अरब रुपये (2,500 करोड़ रुपये) से अधिक खर्च करने की योजना बनाई है। सोमवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। बयान में कहा गया कि बुंदेलखंड और गंगा के तटवर्ती इलाकों के बाद गंगा की सहायक नदियों के दोनों किनारों पर भी प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्राकृतिक खेती के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिए प्रति माह 5,000 रुपये के मानदेय पर ‘कृषि सखियों' की नियुक्ति की जाएगी। इनको संबंधित जिले के कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ प्रशिक्षण देंगे। आधिकारिक बयान के अनुसार, प्राकृतिक खेती के लिए हर जिले में दो ‘बायो-इनपुट रिसर्च सेंटर (बीआरसी) भी खुलेंगे। 

 2.5 लाख किसानों को जोड़ने की सरकार की मंशा 
सरकार की मंशा 282 ब्लाक, 2,144 ग्राम पंचायतों के करीब 2.5 लाख किसानों को इससे जोड़ने की है। खेती क्लस्टर में होगी। हर क्लस्टर 50 हेक्टेयर का होगा। सरकार इस योजना पर अगले दो वर्ष में करीब 2,500 करोड़ रुपये खर्च करेगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि मिट्टी में भारी धातुओं की लगातार बढ़ती मात्रा कृषि क्षेत्र के लिए बड़ा संकट है। एक वैश्विक रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 15 प्रतिशत खेती लायक जमीन भारी धातुओं से प्रदूषित हो चुकी है। इसका सीधा प्रभाव उन करीब 1.4 अरब लोगों पर पड़ रहा है, जिनका ऐसे क्षेत्रों में अधिक संपर्क है। 

गोबर व गोमूत्र से ही खाद 
बयान के मुताबिक, योगी सरकार बुंदेलखंड (झांसी, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बांदा और चित्रकूट) में गो आधारित प्राकृतिक खेती मिशन चला रही है। किसान गोबर व गोमूत्र से ही खाद और कीटनाशक (जीवामृत, बीजामृत और घनजीवामृत) जैसे मिश्रण बनाने के तरीके सिखा रहे हैं। किसान इसे बनाकर उनका खेत और फसल में प्रयोग करें, इसके लिए उनको प्रशिक्षित किया गया है। यह कार्यक्रम अभी जारी है। प्रदेश सरकार ने कहा कि प्राकृतिक खेती मिशन के पहले और दूसरे चरण के लिए सरकार ने 13.16 करोड़ रुपये जारी भी किए हैं। अब तक 470 क्लस्टर गठित कर 21,934 किसानों को इससे जोड़ा गया है

प्राकृतिक खेती के प्रति प्रोत्साहित कर रही सरकार
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने निराश्रित गोवंशों के लिए गो आश्रयों का भी बड़ी संख्या में निर्माण कराया है। अब उनकी मंशा बतौर मॉडल इन्हीं गो आश्रयों के जरिये लोगों को प्राकृतिक खेती के प्रति प्रोत्साहित करने की है। बयान में कहा गया कि इसी पहल के तहत अबतक प्रदेश में योगी सरकार 7,700 से अधिक गो आश्रय बना चुकी है। इनमें करीब 12.5 लाख निराश्रित गोवंश रखे गए हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत करीब एक लाख लाभार्थियों को 1.62 लाख निराश्रित गोवंश दिए गए हैं। योजना के तहत हर लाभार्थी को प्रति माह 1,500 रुपये भी दिए जाते हैं।

छुट्टा गोवंश के संरक्षण के लिए 2,000 करोड़ रुपये का प्रावधान
पशुपालक गोवंश का पालन करें, इसके लिए सरकार उनको लगातार प्रोत्साहन दे रही है। हाल ही पेश बजट में सरकार ने छुट्टा गोवंश के संरक्षण के लिए 2,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसके पहले अनुपूरक बजट में भी इस बारे में 1,001 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। यही नहीं, बड़े गो आश्रय केंद्र के निर्माण की लागत को बढ़ाकर 1.60 करोड़ रुपये कर दिया गया है। ऐसे 543 गो-आश्रय केंद्रों के निर्माण की भी मंजूरी योगी सरकार ने दी है। मनरेगा के तहत भी पशुपालकों को सस्ते में मवेशी आश्रय और गोबर गैस लगाने की सहूलियत दी जा रही है। 
 

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