Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 31 Dec, 2020 11:51 AM
संगठित अपराध पर नकेल कसने के लिए एक अभियान के तहत उत्तर प्रदेश में सरकार के इशारे पर पुलिस ने इस साल माफिया सरगनाओ और कुख्यात अपराधियों की चल अचल संपत्ति पर कुठाराघात कर उनकी कमर तोड़ने का काम किया है। सरकार का दावा है कि अपराधियों के विरूद्ध जीरो...
लखनऊ: संगठित अपराध पर नकेल कसने के लिए एक अभियान के तहत उत्तर प्रदेश में सरकार के इशारे पर पुलिस ने इस साल माफिया सरगनाओ और कुख्यात अपराधियों की चल अचल संपत्ति पर कुठाराघात कर उनकी कमर तोड़ने का काम किया है। सरकार का दावा है कि अपराधियों के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल कर पुलिस ने माफियाओं एवं कुख्यात अपराधियों के विरूद्ध ऐसी कार्यवाही की है, जिससे जनता में सुरक्षा की भावना एवं पुलिस के प्रति विश्वास और अधिक सुद्दढ़ हुआ है। मौजूदा सरकार द्वारा प्रदेश की कानून व्यवस्था को और सुद्दढ़ बनाये जाने के लिए कुख्यात माफिया अपराधियों को चिन्हित कर उनके तथा उनके गैंग के अन्य अपराधियों व उनके सहयोगियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जा रही है।
अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बुधवार को बताया कि पुलिस द्वारा माफियाओं एवं गिरोहबन्द गतिविधियों में लिप्त कुख्यात अपराधियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाकर उनकी कमर तोड़ी गई। इसी क्रम में एक जनवरी से 26 दिसम्बर के बीच चिन्हित माफिया अपराधियों तथा उनके सहयोगियों की गैंगेस्टरवादों में धारा 14 के अन्तर्गत 733 करोड़ रूपये मूल्य की सम्पत्ति कुर्क की गई।
अवस्थी ने बताया कि कार्यवाही के तहत लखनऊ में 88,15,52,248 रूपये, गौतमबुद्धनगर में 66,80,32,248 रूपए, बलरामपुर मे 58,80,62,000 रूपए, गाजीपुर मे 42,09,72,335 रूपये, गोरखपुर 38,20,80,000 रूपये, औरैया मे 31,22,73,192 रूपए, जौनपुर मे 29,40,87,939.56 रूपए, मुजफ्फरनगर मे 28,83,75,000 रूपये, प्रयागराज में 26,17,90,722.22 रूपये व देवरिया मे 24,39,09,741 रूपए की सम्पत्ति कुर्क की जा चुकी थी।