योगी सरकार ने रोजगार मामले में बनाया रिकार्ड, चार साल में युवाओं को दी गई 4 लाख नौकरियां

Edited By Umakant yadav,Updated: 04 Jun, 2021 11:55 AM

yogi government made a record in of employment 4 lakh jobs given to the youth

​​​​​​​सीएमआईई की रिपोर्ट के मुताबिक रोजगार उपलब्‍ध कराने के मामले में दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु, जैसे देश के तमाम राज्‍यों के मुकाबले उत्तर प्रदेश काफी आगे रहा है। अपर मुख्य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने बृहस्पतिवार को...

लखनऊ: कोरोना पर बेहतर ढंग से नियंत्रण के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने बेरोजगारी पर काबू पाने में भी रिकार्ड बनाया है, सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के ताजा सर्वे के आंकड़े इस बात के गवाह हैं। सीएमआईई के ताजा आंकडों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी दर 6.9 फीसदी दर्ज की गई है, जो मार्च 2017 के 17.5 प्रतिशत के आंकड़े के मुकाबले काफी कम है।

सीएमआईई की रिपोर्ट के मुताबिक रोजगार उपलब्‍ध कराने के मामले में दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु, जैसे देश के तमाम राज्‍यों के मुकाबले उत्तर प्रदेश काफी आगे रहा है। अपर मुख्य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में कहा कि योगी सरकार ने पिछले चार सालों में युवाओं को चार लाख से अधिक सरकारी नौकरियां देने का रिकार्ड बनाया है। उन्होंने सीएमआईई की मई महीने की रिपोर्ट का हवाला देते हुये कहा कि राजस्‍थान में बेरोजगारी दर का आंकड़ा 27.6 फीसदी है, जबकि देश की राजधानी दिल्‍ली की स्थिति रोजगार के लिहाज से बेहद खराब है। दिल्ली की बेरोजगारी दर 45.6 प्रतिशत दर्ज की गई है, पश्चिम बंगाल में 19.3 प्रतिशत, तमिलनाडु में 28.0 प्रतिशत, पंजाब में 8.8, झारखण्ड में बेरोजगारी दर 16.0 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 8.3 प्रतिशत, केरल में 23.5, और आंध्र प्रदेश में 13.5 फीसदी रही है।

सहगल ने बताया कि देश की सबसे ज्‍यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी की दर महज 6.9 फीसदी है। इसके पीछे मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की दूरदर्शी नीति और रोजगारपरक योजनाओं की बड़ी भूमिका रही है। मार्च 2017 में जब योगी आदित्‍यनाथ ने राज्‍य की सत्‍ता संभाली थी तब प्रदेश में बेरोजगारी दर का आंकड़ा 17.5 फीसदी था। इस लिहाज से मौजूदा बेरोजगारी दर इससे काफी कम है। सहगल के मुताबिक मिशन रोजगार के अन्तर्गत विभिन्न विभागों, संस्थाओं एवं निगमों आदि के माध्यम से प्रदेश के लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। 4 लाख से अधिक लोगों को सरकारी नौकरी से जोड़ने के साथ ही 15 लाख से अधिक लोगों को निजी क्षेत्र में तथा लगभग 1.5 करोड़ लोगों को स्वरोजगार से जोड़ा है।

बयान के मुताबिक योगी आदित्यनाथ ने कोरोना काल के दौरान लोगों का जीवन तथा जीविका दोनों को बचाने का काम किया। सरकार ने लॉकडाउन के बजाए राज्य में आंशिक कोरोना कर्फ्यू लगाने का फैसला किया। जिसके चलते राज्य में रोज कमाने खाने वाले, पटरी दुकानदार, दैनिक मजदूर और फैक्ट्रियों में काम करने वाले लाखों कर्मचारियों को रोजी -रोटी का संकट नहीं हुआ और राज्य में आर्थिक गतिविधियां भी बराबर चलती रहीं। प्रदेश में आर्थिक कामकाज चलते रहने के कारण पिछले वर्ष लगे लॉकडाउन की तुलना में इस बार अप्रैल माह में साढ़े आठ गुना अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है।

 

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