Edited By Ramkesh,Updated: 24 Mar, 2021 01:29 PM
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विश्व क्षयरोग दिवस कार्यक्रम के मौके पर सीतापुर पहुंचे। सीएम ने सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा उत्तर प्रदेश ने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर कमजोर होने के बावजूद कोरोना में हम लोगों ने बेहतरीन परिणाम दिया है।...
सीतापुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विश्व क्षयरोग दिवस कार्यक्रम के मौके पर सीतापुर पहुंचे। सीएम ने सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा उत्तर प्रदेश ने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर कमजोर होने के बावजूद कोरोना में हम लोगों ने बेहतरीन परिणाम दिया है। यह सामूहिकता की ताकत का परिणाम है। सीएम ने कहा हमने मौत के आंकड़ों को हमने 95 फीसदी कम करने में सफलता प्राप्त की है यह सब आप लोगों के सहयोग से हुआ है। उन्होंने कहा इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग ही अकेले जिम्मेदार नही है बलिकि इसमे प्रशासन, पंचायती राज, शिक्षा विभाग ने भी बराबर के सहयोगी है। उन्होंने सीएम आवास योजना का जिक्र करते हुए कहा सीतापुर में12,14 लाख आवासों में से अकेले 70 हजार आवास सीतापुर मे दिए गए है। योगी ने कहा टीबी की बीमारी का उपचार एक दम मुफ्त है,अगर 300 दिन का इलाज का कोर्स है और 100 दिन तक इलाज़ करवाकर छोड़ देना बीमारी को दावत देने बराबर है,। इस से दूसरी बीमारी आ जागएगी। सीएम ने कहा आज मुझे खुशी है कि कोरोना की रफ्तार कम करने में हमने सफलता पाई है। उन्होंने कहा भारत सरकार ने 1 अप्रैल से 45 वर्ष तक के लोगों को भी वैक्सीन लगाने की घोषणा की है। यह बहुत ही सौभाग्य की बात है।
मुख्यमंत्री योगी लोगों को बताते हुए कहा त्योहारों में सतर्कता बरतें कोरोना अभी समाप्त नहीं हुआ है। सिर्फ वैक्सीन आई है, वैक्सीन की भी अपनी क्षमता होती है, एंटी बॉडी बनने में समय लगता है। उन्होंने कहा मेरी अपील सभी से है कि लोग अपने क्षेत्र की समस्याओं को हर प्रकार से अपने जनप्रतिनिधि बताए। सभी जनप्रतिनिधि और शासकीय कर्मचारी, पुलिस कर्मी, स्वास्थ्य कर्मी सभी.जागरूक रहें, और ट्यूबरक्लोसिस के कम से कम एक बच्चे या व्यक्ति को गोद लें। सीएम ने कहा उसके लिए आपको घर मे रखने की जरूरत नही है। उसे महीने में दो बार उसपर ध्यान देकर, उसकी दवा और शासन से मिलने वाले 500 रु पर जागरूक करते रहें। तो 2025 तक क्षय रोग मुक्त के लिए सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा ऑपरेशन कायाकल्प के लिए मैंने सभी विभाग से कहा था कि एक एक विद्यालय को गोद लें। जहां पर पेयजल व्यवस्था, लाइब्रेरी आदि सुविधा के लिये योगदान दें। उसका परिणाम हुआ कि 1 लाख 58 हजार विद्यालयों का कायाकल्प हुआ।