Edited By Ruby,Updated: 07 Jan, 2019 01:13 PM
एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पुलिस प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त और ईमानदार बनाने का वादा कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर पुलिस के कुछ भ्रष्ट और बेईमान अफसर और कर्मचारी अपने कारनामों से ना सिर्फ पुलिस की साख पर बट्टा लगाने का काम करते हैं,...
मेरठः एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पुलिस प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त और ईमानदार बनाने का वादा कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर पुलिस के कुछ भ्रष्ट और बेईमान अफसर और कर्मचारी अपने कारनामों से ना सिर्फ पुलिस की साख पर बट्टा लगाने का काम करते हैं, बल्कि जनता का भरोसा भी खो रहे हैं। ऐसा ही एक मामला मेरठ से सामने आया है। दरअसल, यहां की एक महिला दारोगा पर आरोप है कि उसने एफआर लगाने के एवज में पीड़ित से एक लाख रूपये लिए हैं। वहीं रिश्वत लेने की हुई बातचीत की आडियो किल्प सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है।
जानिए पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, गंगानगर थाने में एक व्यक्ति ने मामला दर्ज कराया था। इसमें एक महिला भी नामजद थी। वहीं दूसरे पक्ष से कंकरखेड़ा निवासी महिला की बेटी की तरफ से कोर्ट के आदेश पर दुष्कर्म का प्रयास, अपहरण, मारपीट और धमकी देने की धारा भी गंगानगर में क्रॉस केस दर्ज किया गया। कोर्ट के आदेश पर दर्ज मुकदमे में अमित मरिंडा भी आरोपी है, जो किशोरी पर मुकदमा वापस लेने के लिए दबाव बना रहा है। इस केस की विवेचना गंगानगर थाने में तैनात दारोगा मनु सक्सेना कर रहीं थी।
रिश्वत की बातचीत का ऑडियो वायरल
आरोप है कि दारोगा ने एक पक्ष से मुदकमे में एफआर लगाने के मामले में एक लाख रुपये लिए हैं। कोर्ट के आदेश पर 5 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वाली किशोरी और उसकी मां ने एक ऑडियो किल्प भी पुलिस अफसरों को सौंपी है। एसपी देहात राजेश कुमार ने इस मामले की रिपोर्ट एसएसपी को भेज दी है। एसएसपी अखिलेश कुमार ने कार्रवाई करते हुए दारोगा मनु सक्सेना को लाइन हाजिर कर दिया है। मामले की जांच सीओ किठौर को सौंपी गई है। वहीं इस मामले में दारोगा मनु सक्सेना का कहना है कि साजिश के तहत यह ऑडियो वायरल किया गया है।