Edited By Ramkesh,Updated: 12 May, 2020 12:35 PM
लॉकडाउन में सरकारें तो बहुत बड़े-बड़े दावे करती है। परंतु अलीगढ़ जनपद से एक ऐसी घटना सामने आई है। जिसे आप सुन कर आप के रूह कांप जाएगे।
अलीगढ़: लॉकडाउन में सरकारें तो बहुत बड़े-बड़े दावे करती है। परंतु अलीगढ़ जनपद से एक ऐसी घटना सामने आई है। जिसे सुन कर आप के रूह कांप जाएगे। प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में महिला मजदूर चंडीगढ़ से मध्य प्रदेश के लिए पैदल चल पड़ी। करीब 180 किमी पैदल चलने के बाद महिला को प्रसव पीड़ा हुआ तो उसने सड़क किनारे ही साथियों की मदद से बेटी को जन्म दिया। जन्म के एक घंटे बाद ही बच्ची को गोद में लेकर वह 270 किलोमीटर पैदल चलकर अलीगढ़ पहुंची। यहां कुछ देर रुककर एमपी तक का करीब 1100 किमी का सफर शुरू कर दिया। वहीं इस घटना ने सरकार सरकारी तंत्र पर सवाल खड़ा कर दिया है।
महिला के मुताबिक लॉकडाउन के कारण काम बंद हो गया। इस लिए पति के साथ एवं प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में वह अपने पति के साथ चंडीगढ़ से मध्य प्रदेश के लिए पैदल ही निकल पड़ी। वह पांच दिन पूर्व करीब 200 किमी का सफर तय करके उत्तराखंड के रूड़की में पहुंची थी। वहां पेट दर्द हुआ तो बच्ची को साथियों की मदद से जन्म दिया। इसके कुछ देर बाद ही मंजिल की ओर चल पड़ी।
महिला ने बताया कि अलीगढ़ पहुंचने महिला ने जब क्वार्सी गांव में स्थानीय लोगों को अपनी कहानी सुनाई और मदद की गुहार लगायी। इसके बाद ग्रामीणों महिला का उसकी नवजात बच्ची व पति के साथ पूरा सम्मान दिया। इतना ही नहीं, टोली में शामिल करीब 50 लोगों के लिए हलवाई लगाकर खाना खिलाया। उसके बाद टोली मध्य प्रदेश की ओर रवाना हो गई। महिला के पति संजय ने बताया कि यात्रा बेहद कठिन थी लेकिन रास्ते में हमने दयालुता भी देखी। कई परिवारों ने नवजात के लिए कपड़े दिये तो कहीं ने खाना खिलाने के साथ पैक करके भी दिया। टोली लॉकडाउन के चलते काम न मिलने पर घर वापस जा रहे है।