OMG: 2014 में खाद लेकर विशाखापट्टनम से चला वैगन साढ़े 3 साल बाद पहुंचा बस्ती

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 26 Jul, 2018 06:26 PM

vagans reach vishakhapatnam after 3 years of settlement

रेलवे विभाग में एक अजब गजब मामला सामने आया है। जिसे सुनकर आप दांतो तले उंगली दबा लेंगे,1400 किलोमीटर की दूरी तय करने में मालगाड़ी के एक वैगन को साढ़े 3 साल का सफर करना पड़ा। विशाखापट्टनम से चला...

बस्तीः रेलवे विभाग में एक अजब गजब मामला सामने आया है। जिसे सुनकर आप दांतो तले उंगली दबा लेंगे,1400 किलोमीटर की दूरी तय करने में मालगाड़ी के एक वैगन को साढ़े 3 साल का सफर करना पड़ा। विशाखापट्टनम से चला वैगन साढ़े तीन साल बाद बुधवार को बस्ती पहुंचा। जब वैगन को चेक किया गया तो पता चला की 2014 में यह वैगन विशाखापटनम से बुक किया गया था। साढ़े 3 साल बाद वैगन के पहुंचने पर रेल अधिकारी आश्चर्य चकित हो गए।
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बता दें इण्डियन पोटास कंपनी ने यह खाद लगा वैगन नम्बर 107462 विशाखापटनम पोर्ट से मेसर्स रामचन्द्र गुप्ता बस्ती की दुकान के लिए बुक किया था। वैगन बुक करने के बाद जब कई महीना बीत गया और खाद नहीं पहुंची तो रेल्वे को दर्जनों पत्र लिखा गया। बावजूद इस के साढ़े 3 साल में रेल्वे लापता वैगन को नहीं ढूंढ पाया। साढ़े 3 साल से खाद लदा वैगन पूरे देश में इधर से उधर घूमता रहा। सैकड़ों स्टेशनों से गुजरने के वादजूद रेल्वे विभाग अपने गायब हुए इस वैगन को नहीं ढूंढ पाया।
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मालगाड़ी में पड़ी खाद भी खराब हो चुकी है। फिलहाल खाद को रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर उतार दिया गया है। खाद खराब होने की वजह से उसको दुकानदार नहीं ले रहे हैं।
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खाद के मालिक का कहना है कि ये रेलवे की बड़ी गलती है। जो रैक 2014 में बुक कराई गई। वह साढ़े 3 साल बाद अब आ रही है। वैगन के मिसिंग होने पर रेलवे को रिमाइंडर दिया गया था। बावजूद इस के रेल्वे साढ़े 3 साल तक वैगन का पता नहीं लगा पाई और अब साढ़े तीन साल बाद वैगन विशाखापटनम से चल कर बस्ती पहुंचा है। माल की कीमत लगभग 10 लाख रूपए है। रेल्वे से असिस्मेंट बेसिस पर माल को लिया जाएगा।  


 

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